भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिन चार जातियों (गरीब, किसान, युवा और महिला) का उल्लेख किया, उनके बीच पहुंच बनाने पर कांग्रेस का भी जोर है। मध्य प्रदेश में पार्टी के कार्यक्रम इन्हीं जातियों पर केंद्रित हो रहे हैं। किसानों की सोयाबीन, गेहूं और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर पार्टी सड़क पर उतर चुकी है। न्याय यात्रा निकाली जा रही है तो युवाओं को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जा चुका है। कैम्पस चलो अभियान चलाया जा रहा है तो महिला अपराध और उनके अधिकारों को लेकर नारी न्याय अभियान छेड़ा गया है।
हार के बाद मंथन
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिलने के बाद कई स्तर पर मंथन किया गया, जिसमें यह बात समाने आई कि कांग्रेस को गांव, गरीब, किसान, युवा, दलित और आदिवासियों के बीच सक्रियता की कमी का नुकसान उठाना पड़ा है। स्थानीय स्तर पर नेतृत्व भी अपेक्षा के अनुसार तैयार नहीं हो पाया। रस्म अदायगी के लिए कार्यक्रम बड़े शहरों में कर दिए जाते हैं, जिनका कोई लाभ नहीं होता। इसे देखते हुए अब प्रदेश कांग्रेस ने गरीब, किसान, युवा और महिलाओं पर फोकस करते हुए कार्यक्रम बनाए हैं। युवा कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में क्या हुआ तेरा वादा नाम से पोस्टकार्ड अभियान चलाकर युवाओं के बीच पहुंचने का काम किया और मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम करके अपनी बात जनता तक पहुंचाई।
नारी न्याय अभियान
इसी तरह महिला कांग्रेस ने नारी न्याय अभियान की शुरुआत भोपाल में प्रदर्शन करके की और अब जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सदस्यता अभियान भी प्रारंभ कर दिया है। आदिवासी और दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध प्रदर्शन हो चुके हैं।
किसानों के समर्थन में सड़कों पर
किसानों को अपने पाले में करने के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य छह हजार रुपये, गेहूं का 2,700 और धान का 3,100 रुपये प्रति क्विटंल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। अलग-अलग जिलों में न्याय यात्रा निकाली जा चुकी है। अब 20 सितंबर को फिर सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन होंगे। इसकी अगुआई पार्टी के सभी बड़े नेता अलग-अलग जिलों में करेंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश कांग्रेस का जोर गांव, गरीब, किसान और महिलाओं पर फोकस करके अपने जनाधार को मजबूत बनाने पर है।