नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने भारत और म्यांमार के बीच 1,610 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा बाड़ लगाने और सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है। सरकार की ओर से यह फैसला मणिपुर में घुसपैठियों को रोकने के लिए लिया गया है।
इसके अलावा मणिपुर में सीआरपीएफ की दो बटालियन को भी स्थायी तौर पर लगाया गया है, जबकि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 20 हजार जवानों की यहां तैनाती की गई है।
जानकारी के अनुसार, म्यांमार के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। 1,500 किलोमीटर तक के काम के लिए सरकार की तरफ से धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मणिपुर में तीन मई को मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था। इस मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी और तब से प्रदेश में हिंसा जारी है। इस हिंसा में अब तक कुकी और मेइती समुदायों के 220 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
सरकार के सूत्रों की मानें तो पड़ोसी मुल्क म्यांमार से घुसपैठिए, मणिपुर में प्रवेश कर रहे हैं। इसके लिए अब भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने लगभग 31 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारत-म्यामांर के बीच 1610 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और सीमा सड़कों के निर्माण के काम को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है।
बीते दिनों मणिपुर में 15 सितंबर दोपहर तीन बजे तक इंटरनेट बंद करने के साथ ही पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते दिनों कहा था कि उपद्रवियों के नफरत फैलाने वाले भाषणों और सोशल मीडिया से हिंसा भड़कने से रोकने के लिए ही सरकार ने इंटरनेट बंद करने का फैसला किया है। आशंका जताई गई है कि कुछ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर राज्य में स्थिति को हिंसात्मक बना सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार मेइती और कुकी समुदायों के लोगों से बातचीत कर रही है। घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से म्यांमार से लगती सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया गया है। पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण है। शांति बहाली के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों से बातचीत की जा रही है।