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रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध में भारतीय तोप के गोले का इस्तेमाल कर रहा है। भारतीय हथियार निर्माताओं की ओर से इन्हें यूरोप के देशों को बेचा गया था। बाद में इन्हें यूक्रेन भेज दिया गया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के विरोध के बावजूद भारत ने व्यापार रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया। रिपोर्ट में सूत्रों और सीमा शुल्क के डेटा के आधार पर कहा गया है कि रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने के लिए हथियारों का ट्रांसफर एक वर्ष से अधिक समय से हो रहा है। भारतीय हथियार निर्यात नियम हथियारों के इस्तेमाल को उन्हीं तक सीमित करता है, जिन्होंने इसे खरीदा है। अनधिकृत ट्रांसफ होने पर भविष्य में बिक्री रोकी जा सकती है।
रिपोर्ट में तीन भारतीय अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि रूस ने कम से कम दो मौकों पर इस मुद्दे को उठाया है। इसमें रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और डॉ.एस जयशंकर के बीच जुलाई में हुई मीटिंग भी शामिल है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और भारत के रक्षा मंत्रालयों ने इससे जुड़े सवाल का जवाब नहीं दिया। जनवरी में भारीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि भारत न यूक्रेन को तोपखाने के लिए गोले नहीं बेचे हैं।
वहीं रूस और भारत के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने इस से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए। इससे पहले जनवरी में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत ने यूक्रेन को हथियार नहीं भेजे हैं और ना ही बेचे हैं। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन ने भारत में बने हुए हथियारों का बहुत कम मात्रा में इस्तेमाल किया है। एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि यह जंग के बाद से यूक्रेन द्वारा आयात किए गए कुल हथियारों का 1% से भी कम है। हालांकि अब तक यह पता नहीं चला है गोला-बारूद को यूरोपीय ग्राहकों ने यूक्रेन को फिर से बेचा गया या दान किया है।
गौरतलब है कि भारत के रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं जो दशकों से भारत को हथियार मुहैया करता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल होने से इनकार कर दिया है। भारत लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है। यह यूरोप में लंबे समय से चल रहे जंग को अपने हथियार निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के मौके के रूप में भी देख रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक के मुताबिक भारत ने 2018 और 2023 के बीच लगभग 3 बिलियन डॉलर के हथियारों का निर्यात किया।
कितने हथियार भेजे गए?
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के हथियार का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में बेहद कम मात्रा में हुआ है। एक अधिकारी का अनुमान है कि यूक्रेन ने जितने भी गोला बारूद का आयात किया है यह उसका एक फीसदी से भी कम होगा। रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि क्या यूरोप के देशों ने इसे यूक्रेन को दान में दिया या फिर उसे बेचा है। यूक्रेन को भारतीय युद्ध सामग्री भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य भी शामल हैं। यह यूक्रेन के लिए यूरोपीय संघ से अलग भी हथियार भेज रहे हैं। यूक्रेन युद्ध में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी यंत्र इंडिया के हथियार इस्तेमाल हो रहे हैं।
'भारत ने नहीं की कार्रवाई'
भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत स्थिति पर नजर बनाए है। लेकिन ट्रांसफर की जानकारी रखने वाले एक रक्षा उद्योग के कार्यकारी के साथ उन्होंने कहा कि आपूर्ति को कम करने के लिए भारत ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यूक्रेन, इटली, स्पेन और चेक गणराज्य के रक्षा मंत्रालयों ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यूक्रेन को सबसे ज्यादा समर्थन अमेरिका देता है। हाल ही में अमेरिका और भारत का रक्षा सहयोग बढ़ा है। इसके अलावा भारत का रूस से भी अच्छा संबंध है, जो उसके हथियारों का प्रमुख सप्लायर रहा है। भारत रूस के खिलाफ पश्चिमी नेतृत्व में शामिल होने से इनकार कर चुका है।