बेरुत
इजरायल के धमाकों से लेबनान में हलचल मची है. पहले पेजर और फिर वॉकी-टॉकी, सोलर पैनल, लैपटॉप और रेडियो सहित कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में ब्लास्ट से सिर्फ लेबनान में ही नहीं बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव गहरा गया है. इस बीच इजरायल के युद्धविमानों ने एक बार फिर लेबनान को दहला दिया.
लेबनान में धड़ाधड़ हो रहे ब्लास्ट के बाद हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने अपने संबोधन में इजरायल की इस करतूत का जंग-ए-ऐलान बताया. लेकिन जिस वक्त नसल्लाह देश को संबोधित कर रहे थे, उसी समय इजरायल, लेबनान पर रॉकेट दाग रहा था.
हिज्बुल्लाह के 1000 से ज्यादा रॉकेट लॉन्चर किए तबाह
इजरायली सेना आईडीएफ ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया और सैकड़ों रॉकेट लॉन्चर बैरल तबाह कर दिए. हिजबुल्लाह इन रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल इजरायली क्षेत्र में धमाके के लिए करने वाला था. इजराइली सेना का कहना है कि हमारे लड़ाकू विमानों ने 1,000 बैरल वाले करीब 100 रॉकेट लॉन्चरों पर हमला कर उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया.
मध्य-पूर्व में बढ़ा तनाव
लेबनान पर धड़ाधड़ हुए हमलों की जिम्मेदारी अभी इजरायल ने नहीं ली है. लेबनान में पेजर्स और वॉकी टॉकी में हुए धमाकों और 35 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद मिडिल ईस्ट का का तनाव और ज्यादा बढ़ गया है. इजरायल और हमास युद्ध के चलते पहले ही तनाव काफी ज्यादा था, अब लेबनान की घटनाओं ने इस तनाव को कई गुना बढ़ा दिया है. यही वजह है कि हालात को देखते हुए क्षेत्र की कई एयरलाइंस ने अपनी काफी उड़ानें रद्द कर दी हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके.
कितना भयावह था लेबनान अटैक?
लेबनान और सीरिया में जिन पेजर में ब्लास्ट हुआ. ब्लास्ट से पहले उनमें कुछ सेकेंड तक बीप की आवाज सुनाई दी. कुछ पेजर जेब में ही ब्लास्ट हो गए जबकि कुछ लोगों ने जैसे ही बीप की आवाज सुनकर पेजर को जेब या बैग से बाहर निकाला, उनमें ब्लास्ट हो गया. कई पेजर लोगों के हाथ में ही फट गए.
इस ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई जिनमें एक छोटी बच्ची भी शामिल थी. ब्लास्ट की वजह से 4000 लोग गंभीर या मामूली रूप से चोटिल हुए थे. कई लोगों के हाथ और पैर क्षतिग्रस्त हो गए. 500 से ज्यादा लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी. किसी का धड़ क्षतिग्रस्त हुआ तो किसी के शरीर का निचला हिस्सा धमाके में उड़ गया.
लेबनान में ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी को तो एक आंख गंवानी पड़ी जबकि उनकी दूसरी आंख बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. मरने वालों में लेबनानी सांसदों के बच्चे भी हैं और हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के परिवार वाले भी धमाकों की चपेट में आ गए.
ठीक इसी तरह बुधवार को वॉकी-टॉकी से लेकर सोलर पैनल, लैपटॉप और रेडियो तक में ब्लास्ट किए गए. इन हमलों में 20 लोगों की मौत हुई जबकि घायलों का आंकड़ा 450 रहा.