छत्तीसगढ़

राहुल के बयान से साफ हुआ कांग्रेस आरक्षण खत्म करना चाहती है : कौशल

रायपुर

राहुल गांधी द्वारा अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान यह कहे जाने पर कि वह (राहुल/कांग्रेस) "आरक्षण हटा देंगे" पर तीखा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह वही धुन है जो राहुल गांधी का परिवार नेहरू के जमाने से गाता आ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने 57 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन इस दौरान उसने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए संवैधानिक प्रक्रियाओं का जमकर दुरुपयोग किया और सामाजिक उद्देश्यों की उपेक्षा की। कांग्रेस ने कभी भी संविधान के मूलभूत आरक्षण सिद्धांतों को सही भावना और रूप में लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के आरक्षण, संविधान और डॉ. अम्बेडकर विरोधी इतिहास की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने सन् 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। नेहरू ने ही सन् 1961 में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है। इस प्रकार नेहरू ने डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक व राजनैतिक जीवन को समाप्त करने का षड्यंत्र किया। 1952 में लोकसभा चुनाव और 1954 में लोकसभा उपचुनाव में डॉ अम्बेडकर को हराने का पाप किया।

श्री किशोर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में सन् 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला था। इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की। 1966 से 1977 तक, संविधान में 25 बार संशोधन हुए। 42वें संशोधन में 41 अनुच्छेदों में संशोधन किए गए और 11 नए अनुच्छेद जोड़े गए। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 3 मार्च 1985 को एससी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि आरक्षण के माध्यम से हमें 'बुद्धुओं' को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में आरक्षण का पुरजोर विरोध किया और मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत की, जो बाबासाहेब के मूल संविधान के खिलाफ था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री किशोर ने कहा कि लेकिन धारा 370 और 35 अ को समाप्त कर जम्मू कश्मीर के अनुसूचित जाति वर्ग को 70 वर्ष बाद सामाजिक न्याय व सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। सन् 2014 के बाद श्री मोदी के कार्यकाल में संविधान में केवल आठ बार संशोधन हुआ और वह भी यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया था। कांग्रेस के लोग याद रखें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, "मेरे रहते संविधान और आरक्षण को खरोंच भी नहीं आएगी।" संविधान को लेकर लगातार फैलाए गए झूठ का पदार्फाश करते हुए श्री किशोर ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, 57 वर्ष केंद्र में कांग्रेस सरकार रहते हुए संविधान दिवस नहीं बनाया गया।

"भारतीय संविधान हमारे लिए राष्ट्रीय ग्रंथ है" इस भावना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से शासकीय स्तर पर संविधान दिवस मनाना चालू किया। उसके बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2015 में संसद के दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा कराने का निर्णय किया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया। कांग्रेस ने संविधान को अपनाने के बाद 90 मौकों पर निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया, जिससे संविधान का मजाक उड़ाया गया। श्री मोदी कहते हैं कि "कांग्रेस के लिए संविधान राजनीतिक साधन हो सकता है, लेकिन हमारे लिए संविधान श्रद्धा और आस्था का केंद्र है।"
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश के खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ,भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय, पूर्व सांसद कमला देवी पाटले, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी और अनुसूचित जाति मोर्चा के रायपुर अध्यक्ष बसंत बाघ भी उपस्थित थे।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com