छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नक्सल प्रभावित परिवार के सदस्यों को व्यावसायिक महाविद्यालयों में एडमिशन के मामले में राहत दी है। हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGAU) रायपुर को BSc एग्रीकल्चर ऑनर्स की एक सीट सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में हुई। इस पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
दरअसल, श्रुति गंधार्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि कोरोना संक्रमण के चलते IGAU रायपुर और राज्य शासन ने मिलकर विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत इस बार एंट्रेस एग्जाम नहीं होंगे, बल्कि 12वीं के नंबरों के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। इसी तरह नक्सल प्रभावित परिवार की सिर्फ बेटियों को ही प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी।
याचिका में कहा गया- पहले पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को थी छूट
याचिका में नियम बदलने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। कहा गया है, नए नियम में नाती, पोते, पोतियों को प्रवेश से वंचित रखा गया है। पहले पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को प्रवेश में छूट देने का नियम था। मामले में चीफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन और कृषि विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया है। साथ ही BSc ऑनर्स एग्रीकल्चर की एक सीट सुरक्षित रखने का निर्देश प्रतिवादियों को दिया है।