उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि मेसर्स नारायण स्टील (Narayan steel) ने मेसर्स ओम इस्पात को 96.44 करोड़ रुपए के मूल्य का जाली इनवॉयस जारी किया था.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (CGST) तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारियों ने अनेक प्रतिष्ठानों को फर्जी इनवॉयस जारी कर 14.71 करोड़ रूपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट (Tax credit) मंजूर कराने के मामले में एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया है. सीजीएसटी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि उनके तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को स्टील उत्पादों के व्यापारी नारायण स्वामी (Narayana Swamy) को गिरफ्तार कर लिया. प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि भिलाई स्थित मेसर्स नारायण स्टील ने गलत तरीके से अनेक प्रतिष्ठानों को फर्जी इनवॉयस जारी कर 14.71 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट दिलवाया है.
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि मेसर्स नारायण स्टील ने मेसर्स ओम इस्पात को 96.44 करोड़ रुपए के मूल्य का जाली इनवॉयस जारी किया था. जिसने फिर से अनुचित रूप से मेसर्स एचके इंटरप्राइजेस को इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कराने में गड़बडी की. अधिकारियों ने बताया कि मेसर्स नारायण स्टील के नाम का कोई वास्तविक व्यापारिक प्रतिष्ठान अस्तित्व में नहीं है. इसे केवल जाली बिल जारी कर गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट पास करने के लिए बनाया गया था.
12 नवंबर को मिथिलेश तिवारी को गिरफ्तार किया गया था
उन्होंने बताया कि नारायण स्वामी द्वारा किया गया अपराध केंद्रीय वस्तु और सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 132 के अधीन दंडनीय है. इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि जांच से यह संकेत मिला है कि जाली इनपुट टैक्स क्रेडिट बिलों को जारी करने वाले व्यापारियों का एक रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ है. ऐसे बहुत से विनिर्माता जीएसटी के भुगतान से बचने के लिए ऐसे जाली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे हैं. इस संबंध में जांच जारी है. उन्होंने बताया कि विभाग ने इससे पहले ऐसे ही मामले में 12 करोड़ रुपए की राशि के जीएसटी कर अपवंचन का पता लगाया था. विभाग ने इस मामले में इस वर्ष 12 सितंबर को व्यवसायी सुभम सिंघल को गिरफ्तार किया था. वहीं 21.31 करोड़ रुपए के मामले में 12 नवंबर को मिथिलेश तिवारी को गिरफ्तार किया गया था.