वॉशिंगटन
क्वॉड समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हॉट माइक पर चीन के बारे में कुछ ऐसा बोल दिया, जो चर्चा में आ गया। जो बाइडेन ने कहा कि चीन हमारी परीक्षा ले रहा है। बाइडेन ने यह बात बात उस वक्त कही जब रिपोर्टर्स सम्मेलन स्थल से निकलकर बाहर जा रहे थे। बताया जाता है कि उन्होंने यह बात बेहद धीमे से कही थी, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने इसे सुन लिया। बाद में व्हाइट हाउस ने इसका बचाव भी किया। बाइडेन को यह कहते हुए सुना गया कि मेरे खयाल से चीन को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने के लिए जिनपिंग कुछ डिप्लोमेट स्पेस खरीदना चाहते हैं।
81 वर्षीय नेता ने कहा कि चीन का आक्रामक व्यवहार जारी है। आर्थिक और प्रौद्योगिकी समेत कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में वह हमारी लगातार परीक्षा ले रहा है। बाइडन ने जोर देकर कहा कि क्वाड राष्ट्रों का मानना है कि तीव्र प्रतिस्पर्धा के समय में गहन कूटनीति की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी शनिवार को क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान आई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीज ने भाग लिया।
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति की इन टिप्पणियों पर बचाव की मुद्रा में नजर आए। उन्होंने कहा कि इन पर विस्तार से बात करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी समझाने की कोशिश की कि क्वाड देश केवल चीन को लेकर नहीं बैठे थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चीन एजेंडे में होता। यह एक इंडो-पैसिफिक सम्मेलन है। यह एक इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप है।
अधिकारी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन एक प्रमुख देश है। लेकिन मुझे लगता है कि यह कहना भी उचित है कि एजेंडे में कई अन्य विषय थे। बता दें कि दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक सैन्य कार्रवाइयों के संदर्भ में, क्वाड देशों ने स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर जोर दिया। चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर दोनों क्षेत्रों में विवाद चल रहा है।