भोपाल.
मध्य प्रदेश में चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले उनका रहवास पालपुर कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल बढ़ाया है। कूनो का कुल 54 हजार 249.316 हेक्टेयर वन क्षेत्र बढ़ाया है। जिसके बाद अब कूनो का कुल वन क्षेत्र 1 लाख 77 हजार 761.816 हेक्टेयर हो गया है। अब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ मिलकर चीतों के अनुकूल जंगल का वातावरण तैयार किया जाएगा।
साल के अंत तक चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में बसाने की योजना है। इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। गांधी सागर में चीतों के प्रजनन पर ध्यान देने के साथ पहले चरण में पांच से आठ चीतों को 64 वर्ग किलोमीटर शिकारी-रोधी बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश में भिंड, दतिया जिला, राजस्थान में धौलपुर और उत्तर प्रदेश में ललितपुर और झांसी को इस क्षेत्र के चीतों के उपयोग के आधार पर परिसर के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा। मध्य प्रदेश और राजस्थान की अंतरराज्यीय सीमा पर दोनों राज्यों के संयुक्त प्रयास से चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा।
कूनो-गांधी सागर के साथ मध्य प्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, मंदसौर, नीमच जिलों और राजस्थान के बारां, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़गढ़ जिलों को मिलाकर एक सुरक्षित प्राकृतिक माहौल चीतों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
कूनो का बढ़ाया 54 हजार 249 हेक्टेयर एरिया
कूनो वन्यप्राणी वनमंडल श्योपुर का वर्तमान क्षेत्रफल 1 लाख 23 हजार 512.50 हेक्टेयर क्षेत्र था, जिसमें अब सामान्य वनमंडल श्योपुर का 36 हजार 981 हेक्टेयर वनक्षेत्र और सामान्य वनमंडल शिवपुरी का 17 हजार 267.960 हेक्टेयर वन क्षेत्र, इस प्रकार कुल 54 हजार 249.316 हेक्टेयर वन क्षेत्र को कूनो वन्यप्राणी वनमंडल श्योपुर में शामिल किया है। इससे कूनो का कुल वन क्षेत्र 1 लाख 77 हजार 761.816 हेक्टेयर हो गया है।
अब शिवपुरी वनमंडल का भी पुनर्गठन किया गया। पुनर्गठित शिवपुरी वनमंडल का क्षेत्रफल 2 लाख 86 हजार 37.11 हेक्टेयर का होगा, जिसमें उप वनमंडल शिवपुरी का हिस्सा 1 लाख 18 हजार 575.50 हेक्टेयर और करेरा उपवनमंडल का हिस्सा 1 लाख 67 हजार 461.61 हेक्टेयर होगा। इनमें कुल आठ रेंज शिवपुरी, सतनवारा, पोहरी, डिपो शिवपुरी, करेरा, पिछौर, कोलारस और बदरवास रहेंगी। पुनर्गठित शिवपुरी वनमंडल के पश्चिम में कूनो वन्यप्राणी वनमंडल और राजस्थान राज्य की बाउंड्री रहेगी।