सुलतानपुर
सुल्तानपुर सदर क्षेत्र के ठठेरी बाजार में सर्राफ भरत जी सोनी के यहां 28 अगस्त को हुई डकैती में वांछित एक लाख के इनामी अमेठी के मोहनगंज थाने के जनापुर निवासी अनुज प्रताप सिंह को लखनऊ एसटीएफ व उन्नाव पुलिस की संयुक्त टीम ने अचलगंज के कोलुहागाड़ा के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया।
तड़के चार बजे हुई मुठभेड़ में गोली लगने से मौके पर ही अनुज की मौत हो गई जबकि उसका साथी बाइक से कूद कर भाग निकला। एसपी दीपक भूकर, एएसपी अखिलेश सिंह और सीओ ऋषिकांत शुक्ल मौके पर पहुंचे हैं। मुठभेड़ वाले रास्ते पुलिस ने सील कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार तड़के एसटीएफ और उन्नाव पुलिस को पता चला कि अनुज, कुलुहागढ़ा क्षेत्र में छिपा हुआ है। वह अचलगंज थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। पुलिस टीम ने कुलुहागढ़ा में घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही अनुज ने अपनी बाइक से भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण के लिए सतर्क किया तो जवाब में उसने फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की। गोली अनुज के सिर में लगी और वह वहीं पर ढेर हो गया। अनुज को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अनुज पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह अमेठी के रहने वाले धर्मराज सिंह का बेटा है।बता दें कि 28 अगस्त को सुल्तानपुर के चौक ठठेरी बाजार निवासी भरत जी सोनी के यहां से बदमाशों ने दिन दहाड़े 1.35 करोड़ रुपए की ज्वेलरी की डकैती की थी। इस मामले में पुलिस ने 5 सितम्बर को मंगेश यादव नामक एक अपराधी को मार गिराया था। मंगेश के एनकाउंटर के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी एसटीएफ पर जाति के आधार पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। सपा इस एनकाउंटर को लगातार मुद्दा बना रही थी।
पुलिस ने तीन दिन पहले ही सुल्तानपुर डकैती के एक और आरोपी अजय यादव को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के पहले हुए एनकाउंटर में अजय यादव के पैर में गोली लगी थी। सोमवार तड़के एसटीएफ की एक बार फिर सुल्तानपुर डकैती के आरोपी से मुठभेड़ हुई जिसमें अनुज प्रताप सिंह मारा गया। पुलिस ने इस मामले में मंगेश यादव के एनकाउंटर के पहले एक और एनकाउंटर में दो सितम्बर की रात आरोपी सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन को गिरफ्तार किया था। उनके पास से लूट की 15 किलोग्राम चांदी और लगभग 38 हजार रुपये नकद बरामद किए गए थे।
क्या बोली एसटीएफ
एनकाउंटर करने वाली एसटीएम टीम के एक अधिकारी ने कहा, "हमने डकैती की घटना के आरोपी को पकड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई की। मुठभेड़ में आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास में वह गंभीर रूप से घायल हो गया।" अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई सही थी, क्योंकि आरोपी ने पहले गोली चलाई थी।
पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया हथियार
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से कई महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए हैं। इसमें आरोपी के पास से बरामद हथियार और लूट का कुछ सामान शामिल है।
मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने कर दिया था सरेंडर
यूपी की सियासत को गरमा देने वाले सुल्तानपुर डकैती के मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने रायबरेली की कोर्ट में गैंगस्टर मामले में आतमसमर्पण कर दिया था। पुलिस के अनुसार ज्वेलर्स भरत सोनरी के यहां लूट में विपिन सिंह गैंग के अन्य सदस्यों के साथ अनुज प्रताप सिंह निवासी जनापुर मोहनगंज अमेठी भी शामिल था। पिछले शुक्रवार को भरत जी ज्वैलर्स के यहां से डकैती में गया माल रिलीज किया गया था। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली नगर पुलिस ने ज्वेलर्स को 15 किलोग्राम चांदी और दो किलोग्राम से अधिक का सोना सुपुर्द कर दिया था।
चार आरोपी अब भी फरार
सुल्तानपुर डकैती में चार आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं। भरत जी ज्वैलर्स के यहां दिन दहाड़े घटित इस सनसनीखेज डकैती में पुलिस अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में कुल 14 आरोपियों की पहचान हुई थी। एक आरोपी अज्ञात है। 5 सितम्बर को मंगेश यादव और अब 23 सितम्बर को अनुज प्रताप सिंह कुल दो आरोपी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। चार आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों में तीन सितम्बर को एनकाउंटर के बाद पकड़े गए त्रिभुवन, पुष्पेंद्र, सचिन, 11 सितम्बर को पकड़े गए दुर्गेश सिंह, विनय शुक्ला, विवेक सिंह, अरविंद यादव और 20 सितम्बर को एनकाउंटर में पकड़ा गया अजय यादव उर्फ डीएम शामिल है। अब भी फरार आरोपियों में अरबाज, फुरकान, अंकित यादव और एक अज्ञात है। सभी पर एक-एक लाख रुपए का इनाम रखा गया है।