छत्तीसगढ़

जिला अस्पताल का बड़ा कमाल, सन्तान सुख से वंचित दम्पत्ति को मिला संतान सुख

मुंगेली

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बड़ा कमाल कर दिखाया है. सन्तान सुख से वंचित एक दम्पत्ति, जिन्हें 5 साल से गर्भधारण नहीं होने के चलते काफी जतन और कई बड़े निजी अस्पतालों में उपचार के बाद भी फायदा नहीं हुआ. ऐसे में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी गर्भवती नही होने से परेशान यह दम्पति (यामिनी-कौशल) जिला अस्पताल पहुंचे.

जहां स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा निःसंतान विशेषज्ञ डॉक्टर हिना पारख ने उपचार किया, जिससे यामिनी गर्भवती हो सकी. अब इसे दैवीय चमत्कार के साथ ही विज्ञान का भी चमत्कार कहा जा सकता है. यामिनी ने अब एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है, जिसकी किलकारी की गूंज से नवजात शिशु के माता पिता की आंखे खुशी से भर आई है. यामिनी और कौशल ने इसके लिए डॉक्टर समेत जिला अस्पताल प्रबंधन के प्रति आभार जताया है.

जानिए क्या है पूरा मामला
मुंगेली जिले के जरहागांव क्षेत्र के ग्राम कोसमा निवासी यामिनी पात्रे 26 वर्ष पति कौशल पात्रे निः सन्तान दम्पत्ति ने रायपुर -बिलासपुर के कई बड़े निजी अस्पतालों में 5 साल से भी ज्यादा समय तक गर्भवती नही होने को लेकर उपचार कराया उसके बावजूद समस्या दूर नहीं हुई है. जिसके बाद थकहार मुंगेली के  जिला अस्पताल में पदस्थ स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा निः सन्तान विशेषज्ञ डॉक्टर हिना पारख से मिले.डॉ हिना पारख ने 3 माह तक सफल उपचार किया, जिसके परिणामस्वरूप यामिनी गर्भवती हुई और उसके बाद पुनः 9 माह तक डॉ हिना पारख के निर्देशन में उपचार चलता रहा, और अब  मुंगेली के जिला अस्पताल में यामिनी ने एक शिशु (पुत्र) को जन्म दिया है, जहां मां और शिशु दोनो स्वस्थ है.

डॉक्टरों के प्रति जताया आभार
सन्तान प्राप्ति का सुख जीवन का महत्वपूर्ण सुख है, इस सुख से कई सालों तक वंचित रहने वाले इस दम्पति को शिशु के जन्म के बाद जैसे ही सन्तान सुख की प्राप्ति हुई, पूरे परिवार में खुशी का माहौल है, और यामिनी-कौशल दोनो ने लल्लूराम डॉट कॉम न्यूज़ से बातचीत में डॉक्टर हिना पारख समेत पूरे स्टॉफ के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार जताया है. खुशी का इजहार करते हुए कहा कि दोनो के जीवन मे एक सन्तान की कमी थी और डॉक्टर हिना पारख के उपचार से उन्हें सन्तान सुख की प्राप्ति हुई.

जिला अस्पताल की बड़ी उपलब्धि
निश्चित तौर पर जि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरो ने जो यह कमाल कर दिखाया, वह जिला अस्पताल के लिए एक बड़ी उपलब्धि तो है ही. इससे सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगो का विश्वास भी बढ़ेगा. यही वजह है कि अस्पताल के प्रबंधक डॉ एम के रॉय एवं डीपीएम गिरीश कुर्रे ने इस कार्य के लिए डॉ हिना पारख एवं उनकी टीम का हौसला बढ़ाते हुए संराहना की है.

बांझपन क्या है?
बांझपन एक गंभीर समस्या है इसको लेकर लल्लूराम डॉट कॉम न्यूज ने डॉ हिना पारख से इस विषय मे अपने पाठकों को जागरूक करने एवं उन तक जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से खास बातचीत किया. जिसमें उन्हने बताया कि बांझपन प्रजनन तंत्र की एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण लोग गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाते हैं.
बांझपन के प्रकार क्या हैं?

प्राथमिक बांझपन: कभी भी गर्भवती नहीं हुई हैं और एक वर्ष  (या यदि आप 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र की हैं तो छह महीने) के नियमित, असुरक्षित यौन संबंध के बाद भी गर्भधारण नहीं कर सकती हैं.

द्वितीयक बांझपन : कम से कम एक सफल गर्भधारण के बाद आप दोबारा गर्भवती नहीं हो सकतीं.

अस्पष्टीकृत बांझपन : प्रजनन परीक्षण से ऐसा कोई कारण नहीं पता चल पाया है कि कोई व्यक्ति या दम्पति गर्भवती होने में असमर्थ है.

बांझपन के लक्षण-

    मुख्य लक्षण – नियमित, असुरक्षित यौन संबंध के छह महीने या एक साल बाद भी गर्भवती न हो पाना है.
    पैल्विक या पेट में दर्द.
    अनियमित योनि से रक्तस्राव
    अनियमित मासिक धर्म
    मासिक धर्म न आना.
    लिंग संबंधी विकार

बांझपन का क्या कारण है?
उम्र – खास तौर पर 25-35 की उम्र के बाद. पुरुषों के लिए, 35-50 उम्र के करीब आते-आते प्रजनन क्षमता को प्रभावित करना शुरू कर देती है.

भोजन संबंधी विकार, जिनमें एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलीमिया शामिल हैं. अत्यधिक शराब का सेवन. पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों, जैसे रसायन, सीसा और कीटनाशकों के संपर्क में आना. अत्यधिक व्यायाम करना.विकिरण चिकित्सा या कीमोथेरेपी.यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई). धूम्रपान और तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करना. (यह व्यवहार लगभग 13% से 15% बांझपन के मामलों में भूमिका निभाता है. मोटापा या कम वजन होना. आपके मस्तिष्क के हार्मोन उत्पादक केंद्रों (हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी) में असामान्यताएं. दीर्घकालिक स्थितियां और बीमारियां.

हॉर्मोनल समस्याएं:
हॉर्मोन की सही मात्रा में कमी या अधिकी भी बांझपन का कारण बन सकती है.

    थायरॉइड रोग
    एंडोमेट्रियोसिस
    श्रोणि सूजन रोग (पी.आई.डी.)
    अंडकोश या अंडकोष में चोटयौन रोग, जैसे कि स्तंभन दोष, स्खलन, शीघ्रपतन या प्रतिगामी स्खलन.

क्या बांझपन का इलाज संभव है?
हां बांझपन का इलाज संभव है, लेकिन यह कारण पर निर्भर करता है. 85% से 90% मामलों में, डॉक्टर द्वारा बांझपन के इलाज से गर्भधारण करने में मदद मिल सकती है.

किस डॉक्टर से मिले-
बांझपन के इलाज के लिए आपको प्रशिक्षित स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए. ये पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन संबंधी समस्याओं का इलाज करते हैं.

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com