शिमला,
हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू की 22 वर्षीय अनुष्का दत्ता ने पहाड़ी राज्य के नाम एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है। मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 के राष्ट्रीय फाइनल्स में अनुष्का ने जगह बनाई है। हिमाचल प्रदेश की पहली ऐसी प्रतिभागी बनने का गौरव हासिल करने वाली अनुष्का मौजूदा में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से बी.एड की पढ़ाई कर रही हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि समूचे हिमाचल के लिए गर्व के क्षण है, क्योंकि इससे पहले हिमाचल प्रदेश से किसी ने भी इस प्रतिष्ठित मंच पर राष्ट्रीय स्तर तक की यात्रा तय नहीं की थी।
यह अलग बात है कि हिमाचल प्रदेश के चिंतपूर्णी क्षेत्र की रहने वाले महक चंदेल मिस इंग्लैंड 2024 के ग्रैंड फिनाले की फाइनलिस्ट बनी थी। यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली हिमाचली युवती थी। सौंदर्य जगत में हिमाचल प्रदेश को नई पहचान दिलाने वाली महक, विदेशी धरती पर कई बार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं। मिस इंग्लैंड 2024 का फिनाले 16 और 17 मई को लंदन में आयोजित हुआ था।
अनुष्का दत्ता का यह सफर आसान नहीं था। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य से फैशन और ग्लैमर जगत में बहुत कम प्रतिनिधित्व होता है। उन्होंने अपने आत्मविश्वास और संकल्प के बल पर मिस यूनिवर्स इंडिया के मंच तक का सफर तय किया। एक छोटे से शहर से यह साबित कर दिया कि अगर लगन और मेहनत हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। शिक्षा स्नातक की पढ़ाई कर रही अनुष्का ने हमेशा से शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूक रही हैं। उनकी यह सोच न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक रही, बल्कि उनके इस सफर में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मिस यूनिवर्स इंडिया जैसी प्रतियोगिताओं में न केवल शारीरिक सुंदरता देखी जाती है, बल्कि प्रतिभागियों का आत्मविश्वास, संवाद शैली, और वैश्विक मुद्दों के प्रति उनकी जागरूकता भी महत्वपूर्ण मापदंड होते हैं। अनुष्का ने इन सभी मापदंडों को न सिर्फ पूरा किया, बल्कि अपने व्यक्तित्व और विचारों से हर किसी का ध्यान खींचा। उनका आत्मविश्वास और विचारशीलता यह दिखाता है कि वह सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि एक मजबूत व्यक्तित्व की भी धनी हैं।
‘सौंदर्य के साथ आत्मविश्वास’ की जो परिभाषा मिस यूनिवर्स इंडिया प्रतियोगिता में दी जाती है, अनुष्का उसका एक जीता-जागता उदाहरण हैं। वह मानती हैं कि हर इंसान की अपनी एक मौलिकता होती है, और उसे आत्मसात करके आगे बढ़ना ही सच्चे आत्मविश्वास की पहचान है। उनका यह आत्मविश्वास और दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता उन्हें औरों से अलग बनाती है।
अनुष्का की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने हिमाचल प्रदेश की कई युवा महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत का काम किया है। उनके इस सफर ने यह साबित किया है कि बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने की कोई सीमा नहीं होती। अनुष्का की यह सफलता हिमाचल प्रदेश के युवाओं, विशेषकर बेटियों, को आगे बढ़ने और अपनी क्षमताओं को पहचानने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। आज हिमाचल प्रदेश की हर बेटी को अनुष्का में अपनी सपनों की झलक दिख सकती है। यह सफर सिर्फ अनुष्का का नहीं है, बल्कि उन सभी का है, जो एक सीमित वातावरण में रहकर भी खुद को साबित करने का सपना देखते हैं।
अगर अनुष्का यह प्रतियोगिता जीतती हैं, तो उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। बहरहाल, हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य की बेटियाँ भी बड़े-बड़े मंचों पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि अगर हिम्मत और कड़ी मेहनत साथ हो, तो हर सपना मुमकिन किया जा सकता है।