ठाणे
बदलापुर एनकाउंटर में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मिलने सांसद नरेश म्हस्के अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार प्रदेश की महिलाओं के साथ खड़ी है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पुलिस पर पूरा भरोसा है। सांसद नरेश म्हस्के ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अक्षय शिंदे का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों के उपचार में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री इलाज का पूरा खर्च खुद उठाएंगे। उन्होंने दावा किया कि सरकार घायल पुलिसकर्मियों के परिवारों के साथ भी खड़ी है। यह कदम पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर ऐसे संवेदनशील मामलों में।
बता दें कि बदलापुर में छोटी बच्चियों के साथ हुए यौन अपराध के मामले में आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय उसने पुलिसकर्मियों की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार, इस घटना में अक्षय शिंदे ने एपीआई नीलेश मोरे पर तीन गोलियां चलाईं। जवाबी फायरिंग में अक्षय को गोली लगी और उसकी मौत हो गई। इस फायरिंग में क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे और दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। सभी घायलों का इलाज ठाणे के जुपिटर अस्पताल में चल रहा है।
ज्ञात हो कि 14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने मां–पिता से बताया था कि स्कूल मंर उसे बैड टच किया गया है। बच्ची ने 23 वर्षीय सफाईकर्मी का नाम भी बताया था। इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की कक्षा में पढ़ने वाली दूसरी बच्चियों के माता-पिता से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही हैं।
इसके बाद दोनों बच्चियों को चिकित्सकीय जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है। दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और आश्वस्त किया कि घटना की जांच की जा रही है। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार किया गया। इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखा। आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस घटना को लेकर राज्य में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली। इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया।