फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान में संशोधन किया है. फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी.
फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान में संशोधन किया है. फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान में संशोधन किया है.
फिच ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुई मंदी से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे में भारत को अपने बहीखाते को दुरस्त करने और दीर्घावधि की योजना को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है.
फिच ने कहा, ‘‘अब हमारा अनुमान है कि 2020-21 में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी.’’ इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. फिच ने कहा कि आगे के वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत से अधिक (कोई बदलाव नहीं) और 6.3 प्रतिशत (0.3 प्रतिशत अधिक) की दर से वृद्धि दर्ज करेगी.
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि महंगाई इस समय उच्च स्तर पर है और अब इसमें गिरावट शुरू होनी चाहिए. इससे आरबीआई को साल 2021 में ब्याज दरों में कटौती करने में आसानी होगी.’
क्या है फिच रेटिंग एजेंसी
फिच तीसरी प्रसिद्द रेटिंग एजेंसी है जो कि स्टैण्डर्ड एंड पूअर और मूडीज का छोटा रूप है. दरअसल अगर किसी कंपनी की रेटिंग, एजेंसियों द्वारा अच्छी कर दी जाती है तो उस कंपनी को बाजार से पैसे उधार लेने में परेशानी नहीं होती है. साथ ही बाजार में अच्छी छवि के कारण इसके शेयर में तेजी देखने को मिलती है. इसलिए देश, कंपनी औए व्यक्ति हमेशा अच्छी रेटिंग की खोज में रहते हैं.