भोपाल
मध्य प्रदेश में सिंचाई के साधन को समृद्ध बनाने के लिए बड़ी योजना बनाई गई है. उज्जैन और इंदौर के लिए बड़ी सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है. इस पर 36 करोड़ 64 लाख रुपये खर्च होंगे. सांवरा खेड़ी, सिलर खेड़ी परियोजना का काम भी शुरू होगा.
कान्ह नदी को शिप्रा नदी से डायवर्ट करने का काम जारी है. इस पर 651 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नए डैम बनने से जल संग्रहण की क्षमता बढ़ेगी.
मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने शिप्रा नदी को प्रवाहमान करने और सिंचाई के साधन को समृद्ध बनाने के लिए यह प्लान बनाया है. जल संसाधन विभाग के माध्यम से उज्जैन और इंदौर के लिए बड़ी सिंचाई परियोजना को हरी झंडी मिल गई है.
जल संग्रहण की क्षमता भी बढ़ जाएगी
अब जल संसाधन विभाग के माध्यम से सांवरा खेड़ी, सिलर खेड़ी परियोजना का कार्य भी शुरू होने वाला है. इस पर सरकार 614 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है, जिससे सिलार खेड़ी जलाशय की ऊंचाई बढ़ जाएगी.
इससे जल संग्रहण की क्षमता भी बढ़ जाएगी. इस परियोजना से उज्जैन जिले के 65 गांव को 18000 हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचाई की सुविधा मिलेगी. सरकार ने 5 डैम और भी स्वीकृत किए हैं, जिस पर सरकार 36 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर रही है.
कान्ह डायवर्सन का काम जारी
इंदौर से आने वाली कान्ह नदी को शिप्रा नदी से डायवर्ट करने का कार्य अभी भी जारी है. सरकारी परियोजना पर 651 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है. अब नए पांच डैम बन जाने के बाद जल संग्रहण की क्षमता और भी बढ़ जाएगी.
उज्जैन-इंदौर में यहां बनेंगे स्टॉप डैम
योजना के अनुसार, उज्जैन जिले के पंथ पिपलाई, जमालपुर, गोठड़ा, रामवासा, पिपलिया राघो में डैम बनाए जाएंगे. इसके अलावा इंदौर के पिपलिया, दर्जी करीधिया, कुदाना, कायस्थ खेड़ी, सहाड़ा में स्टॉप डैम बनेंगे.