नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के पिछले, वर्तमान और अगले मेजबान क्रमश: अजरबैजान, संयुक्त अरब अमीरात और ब्राजील 2035 तक अपने संयुक्त तेल व गैस उत्पादन में 33 प्रतिशत की वृद्धि करने वाले हैं, जो एक नए विश्लेषण के अनुसार मजबूत वैश्विक जलवायु कार्रवाई को लेकर उनकी प्रतिबद्धताओं के विपरीत है।
अमेरिका में स्थित शोध समूह ‘ऑयल चेंज इंटरनेशनल’ द्वारा उद्योग डेटा का उपयोग करते हुए किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि यूएई और ब्राजील 2035 तक क्रमशः 37 प्रतिशत और 38 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाने की राह पर हैं। नवंबर में बाकू में सीपीओपी29 की मेजबानी करने वाले अजरबैजान के उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
नवंबर-दिसंबर 2023 में दुबई में आयोजित पिछले संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में नेताओं ने जीवाश्म ईंधन से दूरी बनाने, 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में दोगुनी वृद्धि और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
‘ऑयल चेंज इंटरनेशनल’ ने कहा कि तेल और गैस में निवेश का निरंतर विस्तार इन प्रतिबद्धताओं पर सवाल खड़े करता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा था कि 2030 तक वैश्विक अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते देश यूएई समझौते को लागू करें, जिसमें जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने की बात कही गई है।
देशों के जलवायु प्रयासों पर नजर रखने वाले शोध समूह ‘क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर’ के एक अन्य विश्लेषण में, अजरबैजान की जलवायु संबंधी कोशिशों को ‘गंभीर रूप से अपर्याप्त’ बताया गया है, क्योंकि देश ने अपने 2030 उत्सर्जन लक्ष्य को रद्द कर दिया है।
अजरबैजान, यूएई और ब्राजील बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर एक बैठक की मेजबानी कर रहे हैं और इन देशों पर यह दिखाने का दबाव है कि वे ‘मिशन 1.5 के लिए रोडमैप’ को पूरा करने के लिए कैसी योजना बना रहे हैं।
इस रोडमैप का उद्देश्य देशों को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के रूप में जानी जाने वाली राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के अगले दौर में अपनी महत्वाकांक्षा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। देशों को फरवरी 2025 तक अद्यतन एनडीसी प्रस्तुत करना होगा।