छत्तीसगढ़

दो सौ करोड़ की लागत से बिलासपुर कोनी में भव्य अस्पताल तैयार, सभी प्रकार की जटिल बीमारियों का इलाज होगा संभव

बिलासपुर

सिम्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के संचालन के साथ बिलासपुर संभाग में चिकित्सकीय सुविधा को लेकर एक नया अध्याय जुड़ जाएगा और हमारा संभाग भी हेल्थ हब के रूप में जाना जाएगा। मौजूदा स्थिति में कई ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिए लोगों को दूसरे शहर व राज्य तक जाना पड़ जाता है, लेकिन इस हास्पिटल के संचालन के साथ जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज होने लगेगा। इसका फायदा क्षेत्र के साथ पूरे संभाग के रहवासियों को मिलेगा। इसके शुरू होने का यह फायदा मिलेगा कि हदय से संबंधित बीमारी व सर्जरी, मस्तिष्क से संबंधित सभी बीमारियां व सर्जरी, किडनी व लीवर और फेफड़े से संबंधित जटिल बीमारियों का इलाज होगा। वैसे भी क्षेत्र के लोग इस अस्पताल के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। इसके खुलने के साथ ही क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था अव्वल दर्जे की हो जाएगी। इसी वजह से आने वाले दिनों में हमारा बिलासपुर हेल्थ हब के रूप में जाना जाएगा।

स्टेट कैंसर यूनिट से और भी बेहतर हो जाएगी
चिकित्सकीय सेवा सिम्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल परिसर में ही 120 करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला स्टेट कैंसर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। इसका 80 प्रतिशत भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। डेडलाइन के मुताबिक इसे हर हाल में 2025 तक शुरू किया जाना है। इस सेंटर की शुरुआत से सभी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव हो जाएगा, जो बिलासपुर को देश के प्रमुख कैंसर अस्पताल की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगा।

इन अस्पतालों की वजह से भी शहर बन रहा चिकित्सकीय केंद्र
बिलासपुर में मौजूदा स्थिति में अपोलो हास्पिटल, केंद्रीय रेलवे हास्पिटल, गनियारी जन स्वास्थ्य केंद्र, सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा देने का काम कर रहा है। इन अस्पतालों में भी जटिल सर्जरी व इलाज कर मरीजों की जान बचाई जा रही है।

सभी प्रकार के कैंसर का होगा इलाज
स्टेट कैंसर यूनिट में किमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी के साथ ही सभी तरह के कैंसर का उपचार होगा। कैंसर यूनिट बनने के साथ ही इन मशीनों का स्थापित किया शुरू कर दिया गया है। इसके बाद क्षेत्र के कैंसर पीड़ितों को उपचार के लिए दूसरे शहर व राज्य नहीं जाना पड़ेगा। कैंसर हास्पिटल में किमोथेरेपी, रेडियो थैरेपी, आंकोलाजी की चार ब्रांच खोली जाएंगी। यहां अलग-अलग कैंसर से पीड़ितों को भर्ती करके इलाज किया जाएगा।बाक्स इन बीमारियों का होगा इलाजसिम्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलाजी, प्लास्टिक सर्जरी, पिडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरोलाजी व अन्य इलाज की सुविधा रहेगी। यहां कम खर्च में अधिक सुविधा मिलेगी। एक ही परिसर में सब कुछ रहेगा।

इन विभागों का होगा संचालन
हृदय रोग से संबंधित समस्त मेडिसिन व शल्य क्रियाएं (कार्डियोलाजी विभाग व कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग)- किडनी रोग से संबंधित समस्त मेडिसिन व शल्य क्रियाएं (नेफ्रोलाजी विभाग व यूरोलाजी विभाग)- मस्तिष्क रोग से संबंधित मेडिसिन व शल्य क्रियाएं (न्यूरोलाजी विभाग एवं न्यूरोसर्जरी विभाग)

दूसरे प्रदेश से भी आते हैं इलाज कराने
क्षेत्र की चिकित्सकीय सुविधा इतनी बेहतर हो चुकी है कि संभाग के लोगों के साथ दूसरे राज्य के लोग भी यहां की अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आते हैं और मरीजों को सही इलाज मिलता है।

वर्जन
सिम्स सुपर स्पेसलिटी हास्पिटल को नवंबर प्रथम सप्ताह से शुरू किया जाना है। इसके शुरू होते ही बिलासपुर भी संभाग का हेल्थ हब के रूप में पहचाना जाएगा। हर प्रकार की जटिल इलाज संभव होंगे। मरीज को इलाज के लिए दूसरे शहर व प्रदेश नहीं जाना पड़ेगा।
डा़ बीपी सिंह, नोडल अधिकारी, सिम्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

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