भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन विभाग के ऑडिट पर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (X) पर वनरक्षको से वसूली मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने X पर लिखा- एमपी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश में वर्तमान में सेवारत वनरक्षक (फॉरेस्ट गार्ड) से लगभग 145 करोड रुपए की वसूली निकाली है। यह राशि उनके वेतन से वसूल किए जाने के आदेश जारी हुए हैं। यह राशि उनके वेतन में पिछले 18 वर्षों से लगातार हो रहे भुगतान से वसूल करने के निर्देश वित्त विभाग ने जारी किए हैं।
ऑडिट एजी ग्वालियर द्वारा किया गया
प्रदेश के 6592 वन रक्षकों से लगभग 145 करोड़ की वसूली प्रस्तावित है। सरकार का कहना है कि वर्ष 2006 से कार्यरत वनरक्षकों ने अपने वेतन में (ग्रेड पे के आधार पर) अधिक राशि ले ली है। वर्ष 2006 से कार्यरत वनरक्षकों से लगभग 5 लाख रुपए और वर्ष 2013 से कार्यरत वनरक्षकों से डेढ़ लाख रुपए की वसूली किए जाने के आदेश जारी हुए हैं। जबकि शासन की व्यवस्था में एजी( Auditor General) ऑफिस, ग्वालियर हर साल ऑडिट करता है तो आखिर कैसा ऑडिट एजी ग्वालियर द्वारा पूरे प्रदेश में वन विभाग में किया गया?
इसके अलावा बुनियादी सवाल यह है कि सरकार ने जो वेतन वन रक्षकों को दिया, वह वेतन वन रक्षकों ने स्वीकार किया। ऐसे में अगर कोई गलती की है तो वह सरकार ने की है, लिहाज़ा इसका कोई भी दंड वन रक्षकों की जगह सरकार को मिलना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि इस तरह के तुगलकी फ़रमान को तुरंत वापस लिया जाए और वन रक्षकों से की जाने वाली इस वसूली पर तत्काल रोक लगायी जाए।