भोपाल.
भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के स्कूलों की बेहतरी के लिए विश्व बैंक के सहयोग से संचालित स्टार्स (स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एण्ड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स) प्रोजेक्ट के अंतर्गत दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला’ का आयोजन 30 सितंबर से भोपाल में होगा। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में केन्द्रीय सचिव स्कूल शिक्षा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मध्यप्रदेश सहित 17 प्रदेशों के शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना संचालक और अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला का उद्देश्य स्टार्स प्रोजेक्ट के राज्यों की नॉलेज शेयरिंग तथा शैक्षिक कार्यक्रमो के तहत मौजूदा अंतराल और चुनौतियों की पहचान के साथ राज्यों में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को एक-दूसरे के साथ साझा कर, अनुभव के आधार पर अन्य राज्यों में अपनाना भी है।
विचार-मंथन से निकले निष्कर्ष का लाभ मिलेगा स्कूल और विद्यार्थियों को
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक समृध्द भारत की परिकल्पना में सक्रिय सहभागिता की दृष्टि से इस शैक्षिक कार्यशाला के आयोजन का दायित्व मध्यप्रदेश को सौंपने के लिये केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से आग्रह किया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उनका आग्रह स्वीकार करने और प्रदेश की राजधानी भोपाल में संगोष्ठी करने के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देश भर के शीर्ष शैक्षिक प्रबंधन अधिकारियों के मध्यप्रदेश आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में विचार-मंथन से जो निष्कर्ष निकलेंगे, उसका लाभ निश्चित ही प्रदेश के स्कूलों और विद्यार्थियों को भी प्राप्त होगा।
सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रात: 10 बजे स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह एवं केन्द्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार करेंगे। कार्यशाला के पहले दिन सोमवार 30 सितंबर को 'स्कूल-टू-वर्क ट्रांज़िशन' विषय पर और दूसरे दिन मंगलवार एक अक्टूबर को 'स्ट्रेंग्थनिंग असेस्मेंट सिस्टम' पर विभिन्न सत्र आयोजित होंगे। इनमें स्कूल-टू-वर्क ट्रंजीसंन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, एनसीएफ, एनसीआरएफ जैसे नीतिगत ढांचे की भूमिका, स्किल हब, स्किल शिक्षा में साइकोमेट्रिक विश्लेषण और कैरियर परामर्श, उद्योग तथा कार्य-आधारित सीखने के अवसर के साथ साझेदारी, स्कूली शिक्षा में प्रभावी स्किल हब स्थापित करने और उद्योग से संबंधित कौशल पारिस्थितिकी-तंत्र के एकीकरण की दिशा में कल्पना, भविष्य की शिक्षा के लिए मूल्यांकन प्रणालियों को मजबूती प्रदान करना, राज्यों में विद्या समीक्षा केंद्र का क्रियान्वयन और राज्यों में मूल्यांकन प्रकोष्ठों का सुदृढ़ीकरण आदि विषयों पर विचार-मंथन किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि स्कूली शिक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृणीकरण के लिए स्टार्स परियोजना का संचालन केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से किया जा रहा है। वर्तमान में यह परियोजना देश के 6 राज्यों मध्यप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, केरल, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में संचालित है। केन्द्र सरकार के द्वारा उक्त सभी 6 राज्यों के साथ 2-2 अन्य राज्यों के कार्य और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए आपस में जोड़ा गया है। इसके तहत मध्यप्रदेश के साथ बिहार और छत्तीसगढ को शामिल किया गया है। कार्यशाला में सभी 6 स्टार्स राज्यों के अलावा 12 अन्य सहयोगी राज्यों आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल के स्कूल शिक्षा सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी सहभागिता करेंगे।