भोपाल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम में एक बार फिर मध्यप्रदेश में हुए अच्छे कार्यों का जिक्र किया। रविवार 29 सितम्बर को प्रसारित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत खौप की उन स्व-सहायता समूह की महिलाओं की प्रसंशा की, जिन्होंने प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई 2 हैक्टेयर बंजर जमीन में फलदार ग्राफ्टेड 2300 पौधे लगाकर हरे-भरे फ्रूट फॉरेस्ट में तब्दील कर दिया। यह अनूठा कार्य ग्राम पंचायत खौप के स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं ने प्रशासन के सहयोग से कर दिखाया है। गांव की महिलाओं के इस बुलंद हौसले की तारीफ प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने कार्यक्रम "मन की बात" में की। इससे गांव की इन ग्रामीण महिलाओं का पूरे देश में नाम रौशन हुआ और वे अपने आप को गौरवान्वित भी महसूस कर रही हैं।
कैसे बना हरा-भरा फ्रूट फॉरेस्ट
नीति आयोग के डीसल्टिंग प्रोग्राम के अंतर्गत वर्ष 2022 में शुरू किये गये इस महती काम में चंदेलकालीन तालाब की मिट्टी खोद कर मनरेगा योजना से संचालित कार्य में मिट्टी का उपयोग पौधरोपण कार्य में किया गया। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर वाटिका तैयार करने समूह की महिलाओं को साथ लेकर पौधरोपण किया गया। साथ ही अटल भूजल योजना अंतर्गत सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन की सुचारू व्यवस्था भी की गई। इन पूरे प्रबंधों की देख-रेख समूह की 10 महिलाओं ने की। समूह की अध्यक्ष कौशल्या रजक, सचिव पार्वती रजक, सदस्य फूला रजक, जानकी रजक, ममता रायकवार, हल्की बाई रजक, भगवती कुशवाहा, रचना कुशवाहा, रामदेवी रजक एवं कुसुम रजक है।
फ्रूट फॉरेस्ट की सब्जियों का उपयोग मध्यान्ह भोजन में
ग्राम खौप के फ्रूट फॉरेस्ट में फलदार पौधे एवं सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। यहाँ की सब्जियों का उपयोग माध्यमिक शाला के मध्यान्ह भोजन के लिए किया जाता है। सब्जियों को बेचकर प्राप्त होने वाली आय से समूह की महिलाओं की आमदनी में वृद्धि भी हुई है।
शारदा स्व-सहायता समूह के फिश पार्लर को भी मिली सराहना
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने "मन की बात" कार्यक्रम में डिंडौरी जिले के ग्राम रयपुरा के शारदा स्व-सहायता समूह की दीदियों द्वारा संचालित फिश पार्लर को सराहा।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती शारदा धुर्वे बताती हैं कि वर्ष 2014 में मत्स्य विभाग द्वारा रयपुरा जलाशय का पट्टा समूह को 10 वर्ष के लिये दिया गया। हमारे समूह की महिलाओं ने मिलकर जलाशय के रख-रखाव के साथ मत्स्य उत्पादन भी प्रारंभ किया। वे बताती है कि शुरू में हम मछली की बिक्री के लिए अलग-अलग हाट बाजार में जाते थे, जिला प्रशासन डिंडौरी के सहयोग से दीदी फिश पार्लर का शुभारंभ इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर किया गया। जिससे हमारी आमदनी में वृद्धि हुई।
अध्यक्ष ने बताया कि समूह से जुड़ी 12 दीदियाँ मत्स्य उत्पादन का कार्य कर दीदी पार्लर के माध्यम से मछली की बिक्री कर रही हैं। मत्स्य विभाग से प्राप्त बीजों का उपयोग कर 10 हैक्टेयर के जलाशय में मत्स्य उत्पादन के कार्य को बढ़ाया जा रहा है। मछली पालन के साथ जलाशय के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाता है। जलाशय में रोहू, कतला, करचा, नरेनी जैसी मत्स्य प्रजातियों का उत्पादन जारी है। उत्पादित मछलियों का प्र-संस्करण कर प्रतिदिन दीदी फिश पार्लर में लाया जाता है, जहां मछलियों को बेचा जाता है।
शारदा समूह की सचिव श्रीमती सुमन धूमकेती ने बताया कि हम पहले मजदूरी कर जीवनयापन करते थे, जिससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। वर्ष 2014 से मछली पालन करना शुरू किया, इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ सम्मान में भी वृद्धि हुई है।