इस आंदोलन की वजह से पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और हिमाचल प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. इस आंदोलन के चलते हर रोज़ करीब 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल एसोचैम (Assocham) ने किसान आंदोलन (Farmer Protest) को जल्द सुलझाने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों से अपील की है. संस्था का कहना है कि इस आंदोलन की वजह से पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और हिमाचल प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. इस आंदोलन के चलते हर रोज़ करीब 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. एसोचैम के मुताबिक इन तीनों ही राज्यों के कई उद्योग खेती-किसानी पर निर्भर हैं. कोरोना से हुए बड़े नुकसान के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) उभरने की कोशिश कर रही है.
किसान आंदोलन पर बीजेपी की मंत्री का विवादित बयान
भारतीय जनता पार्टी की नेता और मध्य प्रदेश की पर्यटन-संस्कृति और आध्यात्म विभाग की मंत्री उषा ठाकुर आज अपनी पार्टी और सरकार का बचाव करने उतरीं. ठाकुर ने इंदौर में कहा कि पंजाब और हरियाणा में उच्च कोटि के दलाल सुनियोजित तरीके से किसान आंदोलन को चला रहे हैं. इसमें वामपंथी सोच और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ समाहित हो गई और किसानों की परिस्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. इसमें ये गैंग कभी कामयाब नहीं होगी. उषा ठाकुर ने कहा कि झूठ का षड्यंत्र ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा.
बिल पर भ्रम दूर करने को चलाया जा रहा है यह अभियान
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि कृषि कानून को भ्रम को दूर करने के लिए बीजेपी जन जागरूकता अभियान चला रही है. प्रदेश के हर किसान तक कृषि विधेयक बिलों को लेकर जानकारी पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है. भाजपा ने अब किसानों का भ्रम दूर करने के लिए मेगा प्लान तैयार कर लिया है.उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेता किसानों को कृषि कानून की जानकारी और उसके फायदे बताएंगे. किसानों को बताया जाएगा कि बीजेपी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में गांव,गरीब और किसान हैं. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून किसानों को ज्यादा अवसर व विकल्प प्रदान करने वाले हैं