शिमला
हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक मस्जिद को लेकर बवाल हो रहा है। शिमला के बाद अब कुल्लू में भी हिंदूवादी संगठनों ने एक मस्जिद को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने की मांग उठा दी है। सोमवार को मंदिर से मस्जिद तक एक जुलूस भी निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इस बीच एक मुस्लिम संगठन ने कहा है कि राज्य में कोई भी मस्जिद अवैध नहीं है, बल्कि नक्शे को मंजूरी देने में देरी की वजह से समस्याएं हो रही हैं।
हिंदू धर्म जागरण यात्रा' के तहत निकाले गए विरोध प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। हनुमान मंदिर से अखाड़ा बाजार स्थित जामा मस्जिद तक कड़ी सुरक्षा के बीच जुलूस निकाला गया। प्रदर्शनकारी हाथों में भगवा झंडा और पोस्टर-बैनर लिए हुए थे। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी उमड़ीं। महिलाएं परंपरागत कपड़े पहनकर शामिल हुईं तो वाद्य यंत्र भी बजाए गए। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग की। एक समय ऐसा भी आया जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। झड़प में किसी को गंभीर चोट लगने की सूचना नहीं है। सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
हिमाचल में मस्जिद विवाद की शुरुआत शिमला के उपनगर संजौली से एक झगड़े के बाद हुई। यहां एक सलून चलाने वाले एक मुस्लिम युवक का झगड़ा हिंदू कारोबारी के साथ हो गया था। आरोप है कि 30 अगस्त को हुए झगड़े के बाद आरोपी मस्जिद में छिप गए थे। स्थानीय लोगों का दावा है कि मस्जिद का बड़ा हिस्सा अवैध है। हिंदू संगठन इसे गिराने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद राज्य में एक के बाद एक कई मस्जिदों पर सवाल उठाए जाने लगे।
मुस्लिम वेलफेयर कमिटी मंडी के प्रमुख नईम अहमद ने सोमवार को कहा, 'हिमाचल प्रदेश में कोई भी मस्जिद अवैध नहीं है, बल्कि नक्शों को मंजूरी देने और अन्य प्रक्रिया में विलंब है। यदि अवैध पाया जाता है तो हम खुद ढांचा हटा देंगे।' उन्होंने कहा कि रविवार को मंडी के बाल्ह इलाके में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि इसमें फैसला लिया गया कि अल्पसंख्यक समुदाय की स्टेट लेवल कमिटी मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उन्हें राज्य के हालात के बारे में बताएगा।
अहमद ने कहा कि मुस्लिम नेताओं का मानना है कि कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं और इस पर रोक लगनी चाहिए। दूसरे राज्यों से आने वाले सभी लोगों की जांच होनी चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म के हों। इससे पहले रविवार को कुल्लू जिला प्रशासन ने कहा कि अखाड़ा बाजार स्थित मस्जिद अवैध नहीं है। बताया गया कि सरकारी रिकॉर्ड और मस्जिद की ओर से कवर किए गए स्थान में कुछ अंतर है। यह मामला टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट में लंबित है।