AIIMS में नर्सों की हड़ताल पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने कहा कि एम्स प्रशासन नर्सिंग फंक्शन में किसी तरह व्यवधान ना आने दे.
छठे वेतनमान की मांग समेत अपनी कुछ और मांगों के संबंध में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) की नर्स बीते कुछ दिन से हड़ताल पर हैं. जिसके बाद एम्स ने कांट्रेक्ट पर नर्सों (Nurse) की भर्ती शुरू कर दी है. अखबारों में विज्ञापन (Advertisement) दिया गया है. मोबाइल (Mobile) पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं. कुछ कॉलेज में नर्सिंग का कोर्स कर रहीं फाइनल ईयर की छात्राओं को बुलाया गया है. वहीं किसी एक कंपनी के मार्फत इमरजेंसी सेवाओं के लिए नर्स आउटसोर्स (Outsource) की जा रही हैं. गौरतलब रहे कि एम्स में नर्स के 5 हज़ार पद हैं.
यह कहना है एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन की प्रमुख 23 मांगें हैं जो सरकार और एम्स प्रशासन ने मान ली हैं. इसमें उनकी एक प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है. इसके अलावा उन्होंने नर्स यूनियन से अपील की कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें और महामारी से लड़ने में हमारी मदद करें. साथ ही डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन को न सिर्फ एम्स प्रशासन बल्कि सरकार भी समझा चुकी है कि उनकी सैलरी बढ़ाने की मांग पर विचार किया जाएगा. इसके बावजूद महामारी के समय में वेतन बढ़ाने की बात करना एकदम गलत है.
हड़ताल पर यह बोले स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव
नर्सों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि एम्स प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन करें और एम्स के नर्सिंग फंक्शन में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए और इस तरह की किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता.
भूषण ने कहा कि किसी भी तरह का असहयोग आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपराध की तरह लिया जाएगा और भारतीय दंड संहिता के तहत जिम्मेवार कर्मचारियों और प्रशासनिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि एम्स दिल्ली की नर्सों ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया. नर्स यूनियन की छठे पे कमीशन को लेकर कुछ मांगे हैं. जिनको लेकर वे हड़ताल पर हैं.