नई दिल्ली
भारत में व्हाइट-कॉलर हायरिंग एक्टिविटी में सितंबर में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई। इस तेजी की वजह आईटी और एफएमसीजी क्षेत्र में क्रमश: 18 प्रतिशत और 23 प्रतिशत नौकरियों का बढ़ना रहा। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) से जुड़ी नौकरियों में भी 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि टेक टैलेंट की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के अनुसार, भारत का लीडिंग व्हाइट-कॉलर हायरिंग एक्टिविटी इंडीकेटर सितंबर में 2,727 अंक तक पहुंच गया। टेक के साथ तेल और गैस जैसे क्षेत्रों को लेकर मजबूत वृद्धि देखी गई। वहीं, दिलचस्प बात यह रही कि गैर-पारंपरिक आईटी हब में भी वृद्धि दर्ज हुई है।
जयपुर में आईटी नौकरियों में सालाना आधार पर 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कोलकाता में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस क्षेत्र में 16 वर्ष से अधिक अनुभव वाले पेशेवरों की भर्ती में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यूनिकॉर्न और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस वृद्धि का नेतृत्व कर रही थी, जिनकी वृद्धि क्रमशः 16 प्रतिशत और 14 प्रतिशत थी।
एफएमसीजी क्षेत्र में, मुंबई और बेंगलुरु प्रमुख ड्राइवर के रूप में उभरे। इन शहरों में एफएमसीजी भूमिकाओं में क्रमशः 49 प्रतिशत और 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 वर्ष से अधिक अनुभव वाले एफएमसीजी पेशेवरों की नियुक्ति में 70 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई, जो इस क्षेत्र में वरिष्ठ प्रतिभाओं की मजबूत मांग को दर्शाता है। वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) ने नियुक्तियों में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
नौकरी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी डॉ. पवन गोयल ने कहा, "हायरिंग एक्टिविटी में 6 प्रतिशत की समग्र वृद्धि उत्साहजनक है, लेकिन सबसे अधिक उत्साहजनक बात यह है कि भर्ती में धीमेपन के बाद हम तकनीकी क्षेत्र में मजबूत सुधार देख रहे हैं।"