हैदराबाद
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा वाली टिप्पणी करने के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए यति नरसिंहानंद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करने वाले पीएम मोदी को यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उसे गिरफ्तार करना चाहिए। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एक मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात की।
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले यति नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि साबित हो सके कि वे पक्षपाती नहीं हैं। ऐसी घटनाओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा पूरे देश में नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों को सपोर्ट करेगी और भारत की सबसे बड़ी माइनॉरिटी के जज्बात को ठेस पहुचायेंगे तो ये सरासर नाकाबिल-ए-कबूल है। यति नरसिंहानंद को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। ये लोग देश को कमजोर कर रहे हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है।
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हैदराबाद पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ लिखित ज्ञापन दिया। एआईएमआईएम नेताओं ने पुलिस आयुक्त को बताया कि नरसिंहानंद सरस्वती ने दूसरे समुदाय को पैगंबर मोहम्मद का पुतला जलाने के लिए उकसाया, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया। उन्होंने मांग की कि हैदराबाद पुलिस उत्तर प्रदेश में एक टीम भेजे, यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार करे और उसे हैदराबाद लाए। ओवैसी ने कहा कि पुलिस आयुक्त ने एक वरिष्ठ अधिकारी को इस संबंध में साइबर सेल में मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। एआईएमआईएम नेताओं ने भड़काऊ बयानों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि ये सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से सरस्वती के खिलाफ उनकी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सांप्रदायिक भावनाएं और न भड़कें।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक और अत्यधिक निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया। ओवैसी ने याद दिलाया कि यति नरसिंहानंद को पहले भी भड़काऊ भाषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनकी जमानत की एक शर्त यह थी कि वे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि उनकी जमानत रद्द की जाए। उन्होंने कहा, "हमने यह भी अनुरोध किया कि यति नरसिंहानंद की ईशनिंदा वाली टिप्पणियों के वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाए। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वे प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेंगे।"