अगर कहीं पर चोट लग जाए तो उसे समय पर ठीक करने के लिए सिकाई करना जरूरी है। अब कई लोग इस दावे में रहते हैं कि चोट वाली जगह पर पानी से सिकाई की जाए या बर्फ की सिकाई से बेहतर है। बर्फ और गर्म पानी दोनों के ही अपने-अपने फायदे हैं।
इन दोनों का उपयोग करने का अलग-अलग समय और स्थिति है। यह भी वर्जित है कि चोट किस प्रकार की होती है। यदि मिश्रण में ज्यादा मात्रा में कैप्सूल आ गया हो तो बर्फ की सिकाई करने से यह ठीक हो जाता है। वैध होने के कारण रक्त वाहिकाएं दिखाई देती हैं, जिससे रक्त का प्रभाव कम होता है।
दर्द को कम करने और सूजन को ठीक करने के लिए बर्फ की सिकाई से काफी मदद मिलती है। वहीं जब चोट पुरानी हो जाए तो उसे गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए। आमतौर पर चोट लगने के 2 दिन बाद ही गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए।
यदि प्लास्टर में गंभीर प्लास्टर या दर्द हो तो हर एक-दो घंटे की देरी पर 10-15 मिनट के लिए प्लास्टर लगाना चाहिए। अगले दिन से तीन-चार घंटे बर्फ पर से सिकाई करें। चोट पर आपको बहुत ज्यादा जोर नहीं लगना चाहिए। बहुत ही स्वादिष्ट एक्सरसाइज़ मछली हो सकती हैं।
शरीर के किसी अंग पर चोट, चोट के बाद सूजन और दर्द हो जाता है। ऐसे में आपको बर्फ की सिकाई करनी चाहिए लेकिन दो दिन यानी 48 घंटे के बाद जब सूजन कम हो जाए तो रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए। इसे हीट थेरेपी भी कहते हैं। सूजन और दर्द के कारण मांसपेशियां जकड़ जाती हैं और कठोर हो जाती हैं। इसलिए इसे चिकित्सक की सलाह के लिए आराम दें।
गठिया और होटल में दर्द के लिए पुरानी मसाला मसाला या गठिया जैसी समस्या के लिए गर्म पानी से सिकाई करने पर काफी राहत मिलती है। माहवारी के समय महिलाएं स्ट्रेंथ पैड का इस्तेमाल करती हैं या बोतल में गर्म पानी का इस्तेमाल करती हैं। गर्म सिकाई करने से मसाले को आराम मिलता है और दर्द से राहत मिलती है। सूती कपड़े या तौलिए को गर्म पानी में मिलाकर प्रभावित हिस्से के हिस्से पर लगाएं। ध्यान रहे कि पानी का तापमान बहुत ज्यादा ना हो। यदि त्वचा पर कोई खुलापन न हो तो बर्फ या गर्म पानी का सीधे उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। गर्म पानी से सेंकने के लिए उसकी बहुत ज्यादा मात्रा नहीं होती और जलन भी हो सकती है।
सिकाई के लिए बर्फ का उपयोग जब भी आपको गंभीर चोट लगती है तो उस जगह पर सूजन आ जाती है। ऐसे में चोट लगने के तुरंत बाद ही बर्फ से सिकाई करना सबसे असरदार इलाज माना जाता है। इसे थेरेपी भी कहा जाता है। इससे चोट के स्थान पर सूजन कम होती है और दर्द से काफी राहत मिलती है क्योंकि यह उस हिस्से पर रक्त प्रवाह को नियंत्रित कर देता है। जब किसी स्थान पर चोट लगती है तो शरीर की प्रतिक्रिया के रूप में उस स्थान पर अधिक रक्त प्रवाह (रक्तस्राव) होने लगता है, जिससे दर्द और सूजन हो जाती है।
सिकाई समय ध्यान रखें उचित बातें ज्यादा गर्म पानी से सिकाई नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही अगर बर्फ से सिकाई करें समय त्वचा में बहुत ज्यादा ठंडक महसूस हो या त्वचा पर चोट लग जाए तो सिकाई रोक लगनी चाहिए। घर पर सिकाई करने से काफी आराम मिलता है लेकिन चोट लगने पर डॉक्टर के पास जाकर उनकी सलाह अवश्य लें।