कोलकाता
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दस लोगों के ऊपर कड़ा ऐक्शन लिया। इसमें डॉक्टर से लेकर हाउस स्टाफ और इंटर्न्स तक शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने दूसरों को परीक्षा में फेल होने या उन्हें हॉस्टल से बाहर निकालने की धमकी देते थे। इसके अलावा अन्य जूनियर को एक विशेष राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए मजबूर करने, यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार, धन की जबरन वसूली, छात्रों के खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज करने और शारीरिक हिंसा के आरोप हैं। निकाले गए लोगों में आशीष पांडेय नाम का शख्स भी है जो पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का करीबी है। संदीप घोष को भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।
मेडिकल कॉलेज ने शनिवार को एक स्पेशल काउंसिल मीटिंग की। यह मीटिंग उस रिपोर्ट के बाद हुई, जिसमें छात्रों को दोषी पाया गया था। इसके बाद इन सभी को अगली नोटिस तक निष्कासित करने का फैसला किया गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के पर्याप्त सबूत पाए गए थे, उन्हें आंतरिक शिकायत समिति को भेज दिया गया है। इनमें डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स शामिल हैं। यह लोग छात्रों को यूनिवर्सिटी को एग्जाम में फेल होने की धमकी देते थे। हॉस्टल से बाहर निकालने आदि की धमकी देते थे।
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद, जूनियर डॉक्टरों के एक वर्ग ने ऐसी शिकायतें की थीं। इसमें कहा गया था कि कैंपस में धमकी देने का कल्चर है। इसके बाद 10 सितंबर को अधिकारियों ने 51 डॉक्टरों, हाउस स्टाफ और इंटर्न्स को नोटिस सौंपी थी। इन्हें जांच कमेटी के सामने भी बुलाया गया था। जांच कमेटी द्वारा सुनवाई और जांच के बाद कॉलेज प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी गई।