नई दिल्ली
हिताची एनर्जी ने भारतीय कारोबार के 75 साल पूरे होने के अवसर पर देश में स्थायी ऊर्जा भविष्य को बढ़ावा देने के लिए अपनी क्षमता, प्रोडक्ट रेंज और टैलेंट बेस को विस्तार करने पर लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।
पिछले 75 सालों में भारत की कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं में योगदान देते हुए हिंदुस्तान इलेक्ट्रिक से लेकर हिंदुस्तान ब्राउन बॉवेरी, एबीबी पावर ग्रिड्स, हिताची एबीबी पावर ग्रिड्स और अब हिताची एनर्जी बनने तक, इस कंपनी ने 1949 से देश के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
अपनी इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, कंपनी "एनर्जी एंड डिजिटल वर्ल्ड 75" नाम से सोमवार से दो दिन का टेक्नोलॉजी इवेंट आयोजित किया है। इसमें भारत के नेट-ज़ीरो लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद करने वाली नई तकनीकों पर चर्चा की जा रही है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत, हिताची एनर्जी के ग्लोबल सीईओ एंड्रियास शियरेनबेक और हिताची एनर्जी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन वेणु ने किया।
इस अवसर पर वेणु ने कहा कि इस खास साल को यादगार बनाने के लिए, हिताची एनर्जी इंडिया लिमिटेड अगले चार से पांच सालों में लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। यह निवेश भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा "नई तकनीक और समाधानों के जरिए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस निवेश का उद्देश्ये भारत की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है और हम स्थानीय व वैश्विक बाजारों के ग्राहकों और साझेदारों के साथ मिलकर इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। इसमें डिजिटलीकरण और लंबी अवधि की साझेदारी पर जोर दिया जाएगा। यह मेक इन इंडिया के हमारे लक्ष्य को और मजबूत करता है, जिससे भारत और दुनिया दोनों को फायदा होगा।"
हिताची एनर्जी के ग्लोबल सीईओ एंड्रियास शियरेनबेक ने कहा, "ऊर्जा की चुनौती एक कंपनी, टीम या व्यक्ति से कहीं बड़ी है। जैसे-जैसे विद्युतीकरण बढ़ रहा है और रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, पावर ग्रिड की क्षमता और जटिलता भी बढ़ रही है। हमारा ध्यान पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के भविष्य पर है। भारत इस मिशन में हमारे लिए बहुत अहम बाजार है। हम पिछले 75 सालों से भारत में लगातार निवेश कर रहे हैं। नए निवेश से हमारी क्षमता, टैलेंट और सप्लाई चेन मजबूत होंगी और 2030 की रणनीति के अनुसार, डिजिटलीकरण के जरिए हमारे काम को और बेहतर किया जाएगा।"
वेणु ने कहा कि इस निवेश के मुख्य हिस्सों में बड़े पावर ट्रांसफॉर्मर कारखाने की क्षमता बढ़ाना, छोटे ट्रांसफॉर्मर फैक्ट्री में खास ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग के लिए एडवांस सुविधाएं जोड़ना और बुशिंग फैक्ट्री का स्थान बदलना शामिल है। ये कदम भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने और ट्रांसमिशन परियोजनाओं को बेहतर बनाने के लिए जरूरी हैं। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में मदद के लिए ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर फैक्ट्री की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। यह निवेश हिताची एनर्जी इंडिया की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, नेटवर्क कंट्रोल सॉल्यूशंस से जुड़े प्रोडक्ट्स का विस्तार किया जाएगा, और ग्रिड ईएक्सपैंड और ग्रिड ईइमोशन को स्थानीय रूप से विकसित और निर्मित किया जाएगा। कंपनी अपनी पहली मीडियम वोल्टेज पेशकश आरईएफ 650 भी भारत में लॉन्च करेगी। इसके अलावा, भारत और दुनिया के लिए भारत में सप्लायर बेस को मजबूत करने पर भी काम किया जाएगा।
वेणु ने कहा कि हिताची एनर्जी इस कार्यक्रम में ग्रिड-एनश् योर पोर्टफोलियो भी पेश करेगी, जिसमें ग्रिड को अधिक मजबूत, लचीला और स्थिर बनाने के लिए पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और उन्नत नियंत्रण प्रणालियों पर आधारित समाधान शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत में स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ते रुझान के कारण नई टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ी है। कंपनी अपना इकोनिक पोर्टफोलियो पेश करेगी, जिसमें दुनिया का पहला एसएफ6-फ्री 420-किलोवोल्ट गैस-इन्सुलेटेड स्विचगियर शामिल है। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण को सुरक्षित बनाता है, क्योंकि इसमें सल्फर हेक्साफ्लोराइड का इस्तेमाल नहीं होता।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में ग्रिड ई-मोशन पोर्टफोलियो लॉन्च किया जाएगा, जो इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाला सॉल्यूशन है। यह स्मार्ट मोबिलिटी सॉल्यूशन भारत में सुरक्षित, स्थायी और स्मार्ट परिवहन को बढ़ावा देगा, खासकर बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन और वाणिज्यिक फ्लीट के लिए। ऐसे तकनीकी समाधान देश के नेट-ज़ीरो लक्ष्य को पाने में मदद करेंगे।