नई दिल्ली
5 अक्टूबर, 2024। वक्त शाम के 6 बजे। हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर मतदान का औपचारिक समापन। टीवी चैनलों के रिपोर्ट्स बताने लगे कि मतदान केंद्रों पर अभी भी कुछ मतदाता पंक्तियों में खड़े हैं तो कुछ देर मतदान चलेंगे। इधर, टीवी चैनलों के स्टूडियोज में वरिष्ठ पत्रकारों और चुनावी विशेषज्ञों की पैनल सजी है। एंकर बता रहे हैं कि 6.30 बजे से हम एग्जिट पोल के नतीजे बताना शुरू करेंगे। और वह वक्त आ गया। एंकर घोषणा करने लगे कि अब हरियाणा और जम्मू-कश्मीर, दोनों प्रदेशों के एग्जिट पोल्स बारी-बारी से दिखाए जाएंगे। टीवी चैनलों पर पट्टियां आने लगीं।
हरियाणा चुनाव का फाइनल रिजल्ट आने से पहले ही रुझानों को लेकर विवाद उठ गया है। दरअसल, शुरुआती रुझानों में सुबह लगभग 9 बजे तक कांग्रेस को बढ़त हासिल थी। माना जा रहा था कि हरियाणा में इस बार कांग्रेस सरकार बनाएगी। लेकिन, अगले एक घंटे के भीतर ही आंकड़े बदल गए और बीजेपी ने जबरदस्त बढ़त बना ली। बीजेपी इस समय रुझानों में कांग्रेस को पछाड़कर बहुमत के नजदीक पहुंच गई है। ऐसे में कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने केंद्रीय चुनाव आयोग को टैग करते हुए पूछा है, 'लोकसभा नतीजों की तरह हरियाणा में भी चुनावी रुझानों को जानबूझकर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर धीमे-धीमे शेयर किया जा रहा है। क्या भाजपा पुराने और भ्रामक रुझानों को साझा करके प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है?'
एक तरफ हरियाणा, एक तरफ जम्मू-कश्मीर। दोनों के सामने सीटों की संख्या 90-90 दिखने लगे। उनके आगे प्रमुख पार्टियों के नाम और उनके आगे 0-0। चर्चा चल रही है। वक्त के साथ-साथ आंकड़े आने लगे और पता चला कि बीजेपी को दोनों ही प्रदेशों में झटका लग रहा है। लगभग सभी एग्जिट पोल्स में ऐलान कर दिया गया कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की करीब-करीब बराबर सीटें आएंगी, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस की प्रचंड जीत होने वाली है।
तारीख बदलती है। 8 अक्टूबर, 2024। फिर से टीवी चैनलों पर उसी तरह का माहौल, वही विश्लेषण। इंतजार है सुबह के 8 बजने का जब वोटों की गिनती शुरू होगी। रिपोर्ट्स फिर से मैदान में हैं। वो अलग-अलग दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं। सभी अपनी-अपनी पार्टियों की जीत के दावे कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने मीडिया का माइक पहुंचता है। वो कहते हैं- हमारी सरकार की वापसी हो रही है। रिपोर्ट उन्हें एग्जिट पोल्स के नतीजों की याद दिलाते हैं। तब सैनी मुस्कुराते हैं और कहते हैं कि बस इंतजार कीजिए, एग्जेक्ट पोल (असली नतीजे) उलट होंगे, बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा।
और वो वक्त आ गया। 8 बजे और दोनों ही प्रदेशों में नियम के मुताबिक पहले पोस्टल बैलेट्स की गिनती शुरू हो गई। थोड़ी ही देर में रुझान भी आने लगे। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर, दोनों ही जगहों पर बीजेपी के प्रत्याशियों को ज्यादातर सीटों पर पीछे दिखाया जा रहा है। एग्जिट पोल्स के नतीजे सही जान पड़ रहे हैं। हरियाणा में बीजेपी के चार उम्मीदवार अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे हैं तो कांग्रेस को 30 सीटों पर बढ़त मिल चुकी है। धीरे-धीरे यह अंतर घटता जाता है। लेकिन लंबे वक्त तक कांग्रेस आगे रहती है। फिर टीवी चैनलों से घोषणा होने लगती है कि हरियाणा में कांग्रेस को रुझानों में पूर्ण बहुमत मिल गया है। बीजेपी तब तक 25 सीटों के आसपास सिमटती दिख रही है।
यही ट्रेंड टिका रहता है। तब तक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी रुझान आने लगते हैं। वहां अलग ही कहानी है। हरियाणा में कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी आगे! देखते ही देखते टीवी चैनलों पर भी माजरा बदलने लगता है। लगभग सभी चैनलों पर पासा पलटने लगा है- बीजेपी आगे और कांग्रेस पीछे। धीरे-धीरे बीजेपी और कांग्रेस के बीच रुझानों में सीटों का अंतर बढ़ता जा रहा है। फिर वक्त आता है जब बीजेपी को रुझानों में पूर्ण बहुमत मिल जाता है। सिर्फ आधे घंटे का फासला और कांग्रेस आगे से पीछे जबकि बीजेपी पीछे से आगे! यह ट्रेंड भी टिक जाता है।
टीवी चैनलों पर एंकर पोलस्टरों से पूछने लगते हैं- ये क्या हो रहा है, कैसे हो रहा है? जवाब आता है, अभी तो शुरुआती रुझान हैं। फिर वो वोट प्रतिशत पर ध्यान दिलाते हैं। हरियाणा में कांग्रेस सीटों के मामले में बीजेपी से पिछड़ने के बावजूद वोट प्रतिशत में आगे है। कांग्रेस को करीब 43% वोट मिलते दिख रहे हैं जबकि बीजेपी को करीब 40% वोट मिल रहे हैं। फिर यह गैप भी भरने लगा। करीब तीन प्रतिशत का अंतर घटकर एक प्रतिशत पर आ चुका है।