शहडोल
कमिश्नर शहडोल संभाग श्रीमन् शुक्ला ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को संभाग स्तरीय जनकल्याण शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा है कि संवेदनशील प्रशासन राज्य शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, इस हेतु आवश्यक है कि समस्याओं का त्वरित सकारात्मक समाधान हो, हितग्राही मूलक योजनाओं का समुचित सामयिक लाभ मिले। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये संभाग के प्रत्येक जिले में संभाग स्तरीय जनकल्याण शिविर का आयोजन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शिविर हेतु ग्राम पंचायतों/ग्रामों के ऐसे क्लस्टर का चयन किया जाए जिसमें 8-10 ग्राम लाभान्वित हो सकें। शिविर में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा तथा अन्य अनुसूचित जनजाति के संकेंद्रण वाले क्लस्टर का चयन किया जाए। क्लस्टर तथा स्थल चयन में यथासंभव क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से परामर्श किया जाए।
शिविर के आयोजन के पूर्व संबंधित ग्रामों के क्लस्टर में पोस्टर, बैनर, मुनादी आदि के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए ताकि अधिकाधिक संख्या में हितग्राही/नागरिक सम्मिलित हो सकें। संभाग स्तरीय जनकल्याण शिविर में समस्त संभागीय/नोडल अधिकारी तथा संबंधित जिले के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित समस्त जिला अधिकारी अनिवार्य रूप से सम्मिलित होंगे। शिविर में क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला/जनपद/ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को अनिवार्यतः आमंत्रित किया जाए।
कमिश्नर शहडोल संभाग श्रीमन् शुक्ला ने निर्देशित किया है कि हितग्राही मूलक योजनाओं का फ्लेक्स, बैनर एवं पैम्फलेट के माध्यम से जानकारी दी जाए। किसी योजनान्तर्गत यदि सामग्री का वितरण किया जाना है तो उसका प्रदर्शन किया जाए। शिविर में काउन्टर पर ऐसे अधिकारी/कर्मचारी की ड्यिूटी भी लगाई जाए जो स्थानीय सरल भाषा में योजना, उनके लाभ, आवेदन की प्रक्रिया आदि से हितग्राहियों को अवगत करा सकें। शिविर स्थल पर ध्वनि विस्तारक यंत्र पर्याप्त संख्या में रखे जाएं। संबंधित जिला अधिकारी द्वारा स्वयं हितग्राहीमूलक योजनाओं के विषय में समग्र रूप से जानकारी दी जाए।
शिविर में पंजीयन स्थल तथा हेल्प डेस्क, कम्प्यूटर सिस्टम एवं ऑपरेटर के साथ लगाई जाए। इसी के साथ आवेदकों के आवेदन व समस्या लिखने हेतु दो कर्मचारियों की ड्यिूटी भी लगाई जाकर प्रत्येक आवेदन का कम्प्यूटर सिस्टम में इन्ट्री किया जाए। संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शिविर हेतु पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यिूटी लगाई जाए तथा पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं की व्यवस्था रखी जाए। शिविर स्थल पर एम्बुलेन्स की भी व्यवस्था की जाए। महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा संयुक्त रूप से गर्भवती, धात्री माताओं, कुपोषित बच्चों, टी.बी, सिकलसेल एनीमिया, जल जनित रोगों, किसी संक्रामक बीमारी आदि के लक्षण वाले व्यक्तियों का चिन्हांकन किया जाए तथा आगामी आवश्यक कार्यवाही की जाए।
शिविर में संबंधित जिले के उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें द्वारा पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स एवं अन्य स्टाफ की ड्यिूटी लगाई जाए। पशुओं के परीक्षण, बीमारियों की रोकथाम, उपचार संबंधी सलाह एवं आवश्यक दवाओं का वितरण किया जाए। शिविर में निःशुल्क सामग्री, चेक, हितलाभ आदि का वितरण जनप्रतिनिधियों के द्वारा ही कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। 8-10 ग्रामों के क्लस्टर में शिविर आयोजित करने तथा उसका 7 दिवस पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार करने का उद्देश्य यह है कि संबंधित संभागीय एवं जिला अधिकारी यह पूर्व से ही सुनिश्चित कर लें कि निराकरण योग्य समस्याएं शिविर दिनांक से पूर्व ही निराकृत हो जाएं। शिविर स्थल पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस बल भी तैनात किया जाए।