जिले में एक ऐसा धान खरीदी केंद्र मिला है, जिसकी अनुमति ही नहीं दी गई थी। यही नहीं इस केंद्र पर किसानों से 26 हजार क्विंटल धान भी खरीद ली गई। किसानों को अब तक एक फूटी कौड़ी नहीं मिली। हैरानी की बात ये कि किसानों को एसएमएस ओम साईं वेयर हाउस का भेजा गया पर वे उपज लेकर इस अवैध केंद्र पहुंचते रहे। यहां सादे कागज पर किसानों की उपज खरीदी का खेल चल रहा था। प्रशासनिक अधिकारियों ने पाटन तहसील अंतर्गत सिमरा गांव में संचालित गणपति वेयर हाउस पहुंचे तब इस अवैध धान खरीदी केंद्र का खुलासा हुआ। अब इसके संचालक के खिलाफ पाटन तहसील में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
एसडीएम के औचक निरीक्षण में हुआ भंडाफोड़
जानकारी के अनुसार सिमरा गांव स्थित गणपति वेयर हाउस में वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति नुनसर द्वारा धान खरीदी की जा रही थी। जबकि इस वेयर हाउस को इस बार उपार्जन केंद्र ही नहीं बनाया गया है। प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक के मुताबिक बिना अनुमति के वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति का संचालन प्रबंधक गंधर्व सिंह द्वारा किया जा रहा है। एसडीएम जबलपुर नम:शिवाय अरजरिया और एसडीएम पाटन मौके पर जिला विपणन अधिकारी के साथ निरीक्षण करने पहुंचे तो दंग रह गए।
कम्प्यूटर पर्ची की बजाय कागज पर लिख रहे थे तौल
इस अवैध उपार्जन केन्द्र पर कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रयाग पांडेय, सर्वेयर धनराज सिंह और लिपिक प्रदीप दीक्षित धान खरीदी करते हुए मिले। इस केन्द्र पर किसानों से धान खरीद कर वेयर हाउस के अंदर रखी जा रही थी। एक भी किसान को पर्ची जारी नहीं की जा रही थी। इसके बदले में एक सादे कागज पर तौली गई धान की मात्रा लिखकर दी जा रही थी। अब प्रशासन इस धान को जब्त कर संबंधित खरीदी केंद्र को देने की कवायद में जुटी है, जिससे किसानों को उनकी उपज की कीमत मिल सके।
जांच में 26 हजार क्विंटल धान मिली
प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि इस अवैध केन्द्र पर तौली गई धान का अभी तक किसी भी किसान को भुगतान भी नहीं हुआ है। किसानों को अपनी उपज तौल कराने के लिए ओम साईं वेयर हाउस में धान लाने के एसएमएस भेजे गए थे। बावजूद किसान कैसे इस केंद्र पर धान तौल कराने पहुंचते रहे, ये भी हैरानी की एक बड़ी वजह है। इस अवैध खरीदी केन्द्र पर अभी तक 26 हजार क्विंटल धान खरीदकर गणपति वेयर हाउस में रखी जा चुकी है। ये सभी कार्य बिना अनुमति के किया जा रहा था। प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक के अनुसार अवैध धान उपार्जन केन्द्र संचालन के इस मामले में वृहत्ताकार सेवा समिति नुनसर के प्रबंधक गंधर्व सिंह, आपरेटर व सर्वेयर के खिलाफ पाटन थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खरीदी के लिए कहां से आया बारदाना, जांच
इस खरीदी केंद्र पर धान खरीदी के बाद उसे बारदाना में भर कर गोदाम में रखवाया जा रहा था। सवाल ये है कि इतनी बड़ी मात्रा में बारदाना कहां से प्राप्त हुआ। 15 नवंबर से शुरू खरीदी केंद्र में 26 हजार क्विंटल धान किसानों ने पहुंचा दिया और प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक और जिला विपणन अधिकारी को इसकी भनक तक कैसे नहीं लगी। हालांकि प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक राजेश बाथम का दावा है कि यह पूरा क्षेत्र निगरानी में था। यह बड़े पैमाने की धोखाधड़ी है। बारदाना किसी प्रशासनिक कर्मी की मिलीभगत से उसे मिला होगा। इसकी भी जांच की जा रही है।