जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने साल 2020 में हुई आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि इस साल 225 आतंकी मारे गए जबकि सुरक्षाबलों और पुलिस के 60 जवान भी शहीद हुए.
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP Dilbagh Singh) ने गुरुवार को बताया कि साल 2020 में हुए ऑपरेशंस में 225 आतंकियों को ढेर किया गया. इन 225 आतंकियों में 46 टॉप कमांडर भी शामिल हैं. सिंह ने पाकिस्तान की हरकतों का खुलासा करते हुए कहा कि नए और पुराने सभी आतंकी संगठनों का आका पाकिस्तान (Pakistan) है. उन्होंने जम्मू में आतंकियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जम्मू में केवल तीन आतंकी सक्रिय हैं, ये तीनों ही आतंकी किश्तवाड़ में हैं. सिंह ने कहा कि इन तीनों के अलावा कुछ स्लीपिंग सेल्स भी सक्रिय हैं जिन पर नजर रखी जा रही है.
दिलबाग सिंह ने बताया कि साल 2020 काफी हद तक कम गहमागहमी भरा रहा, उन्होंने साल की सबसे बड़ी उपलब्धि डीडीसी चुनावों को बताया. सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान लगातार इसके खिलाफ साजिश रचता रहा है. इतना ही नहीं पुंछ समेत कई जगहों पर चुनाव में खलल डालने की कोशिश भी गई.
हर तंजीम के टॉप कंमाडर को किया ढेर
जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने साल 2020 में हुए ऑपरेशंस की जानकारी देते हुए कहा कि कुल 100 ऑपरेशन हुए जिसमें कि 90 कश्मीर में हुए. इन ऑपरेशंस में कुल 225 आतंकी मारे गए, इनमें 46 टॉप कमांडर भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हर तंजीम का टॉप कमांडर मारा गया है. इनके पास के भारी मात्रा में हथियार, गोला और बारूद भी पकड़ा गया है.
डीजीपी ने जानकारी दी कि इस साल आतंकियों से लोहा लेते हुए पुलिस के 16 और अर्धसैनिक बलों के 44 जवान शहीद भी हुए हैं. उन्होंने बताया कि आतंकी घटनाओं में 38 आम लोग भी मारे गए हैं.
दिलबाग सिंह ने पाकिस्तान की हरकतों के बारे में बताया कि पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर उल्लंघन बढ़े हैं. इसकी आड़ में घुसपैठ कराने की कोशिश होती है, हालांकि भारतीय सुरक्षाबलों की सक्रियता के चलते इस घुसपैठ में कमी आई है. इस साल ड्रोन की मदद से हथियार और पैसे भेजने की घटनाएं भी सामने आई हैं और कुछ जगहों पर नशे की खेप भी भेजी गई है.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कोरोना वायरस के चुनौती भरे काल में राज्य पुलिस द्वारा किए गए कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा भी की. सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने कोरोना काल में भी युद्ध स्तर पर काम किया. आम लोगों तक दवाइयां और राशन तक पहुंचाने का काम किया इसके अलावा लोगों को अस्पताल ले जाने में भी मदद की. उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती के दौरान पुलिस और आम लोगों के बीच का रिश्ता मजबूत हुआ है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते 15 जवानों और अधिकारियों को जान गंवानी पड़ी, जबकि 3500 जवान और अधिकारी इस संक्रमण की चपेट में आए.