बोर्ड परीक्षा के लिए पंचायत चुनाव का इंतजार किया जा रहा है. क्योंकि कई ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का इस्तेमाल चुनाव में मतदान केंद्र की तरह होना है. चुनावों में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी, ऐसे में पंचायत चुनाव के बाद ही परीक्षा हो सकती है.
त्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा-2021 (Board Exams 2021) का आयोजन को लेकर 14 जनवरी को अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा करेंगे. माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के बाद बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों को लेकर इसमें चर्चा होंगी.
जानकारी के अनुसार बोर्ड परीक्षा के लिए पंचायत चुनाव के प्रस्तावित कार्यक्रम का इंतजार किया जा रहा है. कारण ये है कि कई ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का इस्तेमाल पंचायत चुनाव में मतदान केंद्र की तरह होना है. यही नहीं टीचरों की भी इन चुनावों में ड्यूटी लगाई जाएगी, ऐसे में पंचायत चुनाव के बाद ही परीक्षा हो सकती है.
बता दें यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 5 जनवरी, 2021 कर दी है. इस बार की बोर्ड परीक्षा में राज्य के कुल 27,832 स्कूलों में से 22,172 स्कूलों का चयन किया गया है.
15 फरवरी तक पंचायत चुनाव का नोटिफिकेशन: पंचायती राज मंत्री
बता दें कि यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य. क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य चुनाव) इस बार एक साथ होने हैं. पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा है कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा. 15 मार्च से 30 मार्च के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा. ऐसे में अब माना जा रहा है कि बोर्ड की परीक्षा पंचायत चुनाव के बाद होंगी. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि कि ग्राम सभाओं के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है. वार्डों का परिसीमन जारी है. प्रदेश में मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर का पूर्ण परिसीमन हो रहा है और बाकी जिलों का आंशिक परिसीमन का कार्य जारी है.
14 फरवरी तक परिसीमन होना है पूरा
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि 14 जनवरी तक परिसीमन का कार्य पूरा हो जाएगा. इसके बाद आरक्षण का काम पूरा किया जाएगा. अब तक ग्राम पंचायत सीटों पर आरक्षण निर्धारण जनपद मुख्यालय स्तर पर होता था, मगर इस बार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा, बीडीसी, प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था लखनऊ से तय होगी. पंचायतों में आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा. पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी? वर्तमान में क्या स्थिति है, उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी.