नई दिल्ली
शुक्रवार निफ्टी बैंकिंग स्टॉक और एफएमसीजी कंपनियों की वजह से 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24965.25 अंक पर बंद हुआ। 25000 के नीचे निफ्टी का बंद होना मार्केट के लिए अच्छी खबर नहीं मानी जा रही है। ऐसे में एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि बजार में गिरावट आगे भी देखने को मिल सकती है। आइए जानते हैं वो प्रमुख फैक्टर्स जिनकी वजह से शेयर बाजार प्रभावित हो सकता है।
1- कंपनियों के तिमाही नतीजे
इस हफ्ते करीब 120 कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे। इन कंपनियों की लिस्ट में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक, इंफोसिस, विप्रो, नेस्ले इंडिया, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और टेक महिंद्रा बैंक शामिल है।
2- हुंडई आईपीओ
हुंडई आईपीओ इसी हफ्ते खुलने जा रहा है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि देश के सबसे बड़ा आईपीओ के ओपनिंग का असर भी मार्केट पर पड़ेगा। कंपनी के आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये का है। कंपनी इसके जरिए 14.2 करोड़ शेयर बेचेगी। बता दें, आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 1865 रुपये से 1960 रुपये प्रति शेयर तय किया है।
3- FIIs ने निकाले 58711 करोड़ रुपये
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) ने अक्टूबर में अबतक 8 कारोबारी सत्रों में 587111 करोड़ रुपये निकाले हैं। शुक्रवार को FIIs ने 4162.66 करोड़ रुपये की बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं।
4- डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना
एक डॉलर की कीमत पहली बार 84 रुपये के पार पहुंच गई। शुक्रवार को यह 84.06 पर बंद हुआ। सेंट्रल बैंक की तरफ से लगातार किमतों को स्थिर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। वहीं, यूएस फेड रिजर्व के फैसले का असर भी दिखने लगा है। जिसकी वजह से डॉलर मजबूत हो रहा है।
5- कच्चे तेल की कीमतें
तेल की कीमतों का असर भारतीय शेयर बाजार पर साफ-साफ दिखता है। मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव की वजह से कच्चे तेल की कीमतों के लिए अस्थिरता का दौर है। कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा भारतीय शेयर बाजार की सेहत के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे मंहगाई का डर रहता है।