नई दिल्ली
सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय ने 14 अक्टूबर को नौसेना चिकित्सा सेवा की महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक डीजी मेडिकल सर्विसेज एमएस के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह एएमसी सेंटर एंड कॉलेज की पहली महिला कमांडेंट थीं। वह आर्मी मेडिकल कोर की कर्नल कमांडेंट के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला अधिकारी भी हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वाइस एडमिरल कविता सहाय को 30 दिसंबर 1986 को सेना चिकित्सा कोर में नियुक्त किया गया था। वह प्रतिष्ठित सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे की पूर्व छात्रा हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित एम्स, नई दिल्ली से पैथोलॉजी में विशेषज्ञता और ऑन्कोपैथोलॉजी में सुपर स्पेशलाइजेशन किया है।
वाइस एडमिरल कविता सहाय एएचआरआर और बीएचडीसी में प्रयोगशाला विज्ञान विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख रही हैं। वह पैथोलॉजी विभाग, एएफएमसी, पुणे में प्रोफेसर भी रही हैं। उनकी चिकित्सा शिक्षा में विशेष रुचि है। उन्हें 2013-14 में अमेरिका के फिलाडेल्फिया के प्रतिष्ठित फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एफएआईएमईआर) फेलोशिप से सम्मानित किया गया था।
सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय को विशिष्ट सेवा के लिए वर्ष 2024 में सेना पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। 2008 और 2012 में सेना प्रमुख और जीओसी-इन-सी (डब्ल्यूसी) द्वारा 2010 में उनकी सराहना की गई है।
गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में शल्या चिकित्सरक वाइस एडमिरल आरती सरीन, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) की पहली महिला महानिदेशक बनी थी। वाइस एडमिरल आरती सरीन ने 01 अक्टूबर को सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की महानिदेशक का पदभार संभाला है। वह यह पदभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए हाल ही में आरती सरीन को राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया है। वाइस एडमिरल आरती सरीन को भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं में सेवाएं देने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है।