इस्लामाबाद
पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच एससीओ समिट का आयोजन हो रहा है। शंघाई हयोग संगठन के इस शिखर सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। वहीं पाकिस्तान में इसका आयोजन किया जाना बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान सुरक्षा को लेकर लंबे समय से सवालों के घेरे में है। यहां तक कि विदेशी प्रतिनिधइयों को भी छोड़ा नहीं जा रहा है। ऐसे में इस बैठक को शांतिपूर्ण ढंग से करवाना इस्लामाबाद के लिए बड़ी चनौती बना हुआ है।
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पनाह देता रहा है जो कि अब उसके लिए ही नासूर बन गया है। पाक में आए दिन पुलिस और सेना पर आतंकी हमले होते हैं। हाल में पाकिस्तान में हिंसा तेजी से बढ़ है। बलूचिस्तान में बड़ी संख्या में लोगों को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में चीनी नागरिकों को मार ड्ला गया। एक हमले में 20 बच्चों को मारा गया तो वहीं कोयले की खदान में धमाका करके सात कामगारों को मौत के घाट उतार दिया गया।
पाकिस्तान का एक हिस्सा आजादी की मांग कर रहा है और इन दिनों यह मांग तेज हो गई है। जानकारों का कहना है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को पाकिस्तानी तालिबान से मदद मिल रही है। हालांकि हमला वे मिलकर नहीं करते हैं। एससीओ की बैठक को देखते हुए पूरे इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कोई भी वाहन बिना चेकिंग के आ-जा नहीं सकता है।
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अनहोनी ना हो। वहीं पाकिस्तान में इन दिनों शट डाउन से भी हालात खराब हैं। अधिकारियों का कहना है कि बीते सप्ताह देश की अर्थव्यवस्था को करीब 684 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तानी सरकार की नाक में दम कर रखा है। ऐसे में कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिए गए थे। वहीं इमरान के समर्थकों के शटडाउन का असर भी बेहद बुरा हुआ है।
पहले से ही कंगाल इस तरह के नुकसान को सहने के काबील नहीं है। शिखर सम्मेलन के दौरान सरकार ने पाकिस्तान में तीन दिनों का अवकाश गोषित कर दिया है। इसके अलावा वेडिंग हॉल, रेस्तरां, होटलों, कैफे और इस्लामाबाद की मार्केट भी बंद कर दी गई हैं। इससे पहले मार्च 2022 में पाकिस्तान ने एससीओ की बैठक की मेजबानी की थी।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जा तो रहे हैं लेकिन भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह बहुपक्षीय कार्यक्रम है। वहां पाकिस्तान और भारत के संबंधों को लेकर कोई चर्चा नहीं होने जा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि वह एससीओ के अच्छे सदस्य हैं और इसलिए उन्हें पाकिस्तान जाना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि पाकिस्तान पहुंच ेहैं। इसके अलावा चीन, किर्गिस्तान के प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान पहुंच चुके हैं। एससीओ की बैठक 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होगी।