नई दिल्ली
विपक्ष लंबे समय से ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग करता रहा है। हरियाणा चुनाव के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग और ईवीएम की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल खड़े किए। वहीं अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज के हालात को देखकर ईवीएम से भरोसा उठने जैसा हो गया है।
मलिक ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कहा, अभी हरियाणा में हुए चुनावों में पोस्टल बैलेट पेपर में कांग्रेस 74-16 से आगे थी, जैसे ही EVM खुली धीरे धीरे कांग्रेस सत्ता से बाहर ओर और भाजपा सत्ता में। जो शुरुआती रुझानों में दिखाया गया था और एग्जिट पोल्स में भी दिखाया था सब उसके विपरीत हो रहा है। आज वर्तमान स्तिथि देखकर चुनाव आयोग और EVM से भरोसा उठने जैसा हो गया है। EVM का खेल आखिर कब तक चलेगा, आज AI का ज़माना है अगर निष्पक्ष चुनाव चाहते हो तो EVM को हटाना भी एक मात्र विकल्प है।
हाल ही में लाइव हिंदुस्तान से बातचीत में भी सत्यपाल मलिक ने कहा था कि हरियाणा के नतीजे उम्मीद के विपरीत आए हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में एकता नहीं है। कांग्रेस के लोग उतनी मेहनत नहीं करते। वहीं बीजेपी के लोग 24 घंटे राजनीति करते हैं। उनके मुकाबले कांग्रेस की मेहनत नहीं टिकती है। उन्होंने कहा था कि हरियाणा की हार के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार नहीं हैं।
मलिक ने कहा था कि बीजेपी के 50 अनुषांगिक संगठन हैं। कांग्रेस के लोग बीजेपी के बराबर राजनीति और संघर्ष नहीं करते। सड़कों पर नहीं रहते। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा की वह से कांग्रेस के दलित वोट कट गए। वहीं बैकवर्ड सीएम की वजह से पिछड़ा वोट भी बीजेपी को मिल गया।
बता दें कि चुनाव परिणाम वाले दिन अजय माकन, भूपेंद्र सिंह हुड्ड् और कुमारी सैलजा जैसे कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि दोपहर में गिनती धीमी हो गई है। उन्होंने गिनती में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने ईवीएम पर सवाल भी खड़े किए थे। जवाब देते हुए बीजेपी ने कहा था कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप क्यो नहीं लगा रही है। जबकि जम्मू-कश्मीर में उसका गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में है। बाद में कांग्रेस ने ईवीएम के मामले को लेकर एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बना दी और कहा कि जब तक पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते कांग्रेस ईवीएम के मुद्दे पर ज्यादा बात नहीं करेगी।