मध्यप्रदेश

CM की 2021 में सीनियर अधिकारियों के साथ पहली बैठक, तय किये शासन के ये 12 सूत्र

CM शिवराज ने कहा-हमारा प्रशासन सज्जनों के लिए फूल की तरह कोमल और दुष्टों के लिए वज्र से भी अधिक कठोर होगा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि गरीबों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण सहित सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश (MP) को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए नए साल में सभी समर्पण भाव से जुट जाएं. बिना लिए-दिए समय-सीमा में जनता को सेवाएं देना सुशासन का मूलमंत्र है, जिस पर हमें हर हाल में अमल करना है. इसके लिए तकनीकी का भी पूरा उपयोग किया जाए. प्रदेश में एक अच्छा फीडबैक सिस्टम तैयार करना है. हमारा प्रशासन सज्जनों के लिए फूल की तरह कोमल और दुष्टों के लिए वज्र से भी अधिक कठोर होगा. मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ये बात कही थी.

ये होंगे शासन के 12 प्रमुख सूत्र
-मुख्यमंत्री ने प्रशासन के 12 प्रमुख सूत्र बताते हुए कहा कि हमारा पहला सूत्र है कि जनता ही अपनी भगवान है. कोई भी अहंकार में न रहे तथा जनता की सेवा एवं बेहतरी के लिए कार्य करें.

-दूसरा सूत्र है मध्यप्रदेश के खजाने पर सबसे पहले गरीबों का हक है. गरीबों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.
-किसान एवं कृषि का विकास हमारा तीसरा महत्वपूर्ण बिन्दु है. किसानों की फसल की उत्पादन लागत घटाने और उन्हें फसलों का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए निरंतर कार्य करना है. प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग और कृषि अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में विशेष प्रयास किए जाने हैं.

-चौथा सूत्र है, महिला सशक्तीकरण. हमें महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण करना है. उन्हें पूरा सम्मान एवं सुरक्षा देनी है. महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाना है. बेटियों की सुरक्षा के लिए हम धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 लाए हैं.

-पाँचवा सूत्र है प्रदेश में सुशासन देना, जिसके अंतर्गत जनता को निश्चित समय-सीमा में सेवाएं बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए और बिना कुछ लिए-दिए मिल जाएं.

-छठवां सूत्र है प्रदेश को माफिया मुक्त करना. प्रदेश में ड्रग माफिया, मिलावट माफिया, भू-माफिया, रेत माफिया के विरूद्ध सघन अभियान जारी रहेगा. साथ ही इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि आमजन को कोई दिक्कत न हो. किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे मामले में न फंसाया जाए.

-सातवाँ सूत्र है परियोजनाओं को निश्चित समय पर पूरा करना. इसके लिए मैं स्वयं हर हफ्ते बड़ी योजनाओं की समीक्षा करूंगा. मंत्रीगण भी नियमित समीक्षा करें. अधिकारी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें. परियोजनाएं बिना लागत बढ़े समय से पूरी हो जाएं.

-आठवां सूत्र है केन्द्र की हर योजना में नंबर वन रहना. इसके लिए सभी निरंतर प्रयास करें. मंत्रीगण केन्द्र से निरंतर समन्वय रखें और दिल्ली के दौरे करें. विभिन्न योजनाओं में केन्द्र से अधिक से अधिक राशि प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं.

-नौवां सूत्र है आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का गठन. इसके लिए बनाए गए रोडमैप पर तेजी अमल.

दसवां सूत्र है अधिक से अधिक रोजगार सृजन. इसके लिए हर विभाग प्रयास करे. सरकारी और गैर सरकारी दोनों क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित किए जाएं. कौशल विकास पर पूरा ध्यान दिया जाए.

-ग्यारहवां सूत्र है जन स्वास्थ्य. हमें प्रधानमंत्री जी के दोनों मंत्र “स्वास्थ्य ही संपदा” है और “दवाई भी कड़ाई भी” का पालन करना है. हमें अपने मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को उच्च कोटि का बनाना है. साथ ही फीवर क्लीनिक को इस प्रकार विकसित करना है कि वहां जनता को हर प्रकार के रोगों का प्राथमिक इलाज मिल सके.

-बारहवां सूत्र है अच्छी शिक्षा. इसके लिए हमें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना होगा. प्रत्येक 20-25 किलोमीटर के दायरे में सी.एम. राइज स्कूल खोले जाएंगे. विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.

नए साल में सरकार का इन कामों पर रहेगा फोकस
-सिंगल सिटीजन डाटाबेस का सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं में उपयोग
-शासकीय सेवाओं के लिए “इलेक्ट्रानिक सिंगल विण्डो” की व्यवस्था.
-विभिन्न योजनाओं में स्वीकृति उपरांत बिना विलंब के हितग्राहियों को राशि उपलब्ध कराना.
-मण्डी एवं श्रम सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करना.
-आउट ऑफ बॉक्स सोचकर रोजगार के नए अवसर पैदा करना. -रोजगार सेतु पोर्टल का प्रभावी क्रियान्वयन.
-आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा करना.

-जिला स्तर के कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए “डैशबोर्ड” का प्रयोग.

-महिला स्व-सहायता समूह, कृषि उत्पादक संगठन, सहकारिता को जनआंदोलन बनाना.

-पब्लिक हैल्थ केयर तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर को उच्च कोटि का बनाना.

-सी.एम. राइज स्कूल की अवधारणा को धरातल पर लाना.
-प्रशासन अकादमी को उच्च स्तर का प्रशिक्षण संस्थान बनाना.

-नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास.

-अर्थव्यवस्था एवं रोजगार को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाना.
-आई.टी. का अधिकतम उपयोग तथा प्रत्येक गांव तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना.

-हर व्यक्ति का कोविड टीकाकरण.

-माफिया के पूरे नैटवर्क को ध्वस्त करना.

-नए गौण खनिज नियमों के अंतर्गत खनिज संपदा की शीघ्र लीज स्वीकृति.

-धान उपार्जन एवं आगामी समय में गेहूँ उपार्जन की श्रेष्ठ व्यवस्था.
-जनजातीय समुदाय को वनाधिकार पट्टे तथा उनके अन्य वैध हक दिलवाना.
· – समावेशी विकास। “मिनिमम गर्वमेंट” तथा “मैक्सिमम गवर्नेंस”

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