भोपाल
मेट्रो रेल लाइन में बाधा बन रहे 30 से अधिक दुकानों व घरों को हटाने के लिए लोगों को दिया गया समय मंगलवार को खत्म हो जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा बुधवार से इन्हें तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मेट्रो के दूसरे चरण में सुभाष नगर डिपो से करोंद तक कुल आठ किलोमीटर तक काम होना है। यह दो हिस्सों में होगा और इसमें एक हजार 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह पुल बोगदा और आजाद नगर में कुछ अतिक्रमण हटाए गए थे, लेकिन पक्की दुकानों को हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। लोगों ने खुद अपनी दुकानें हटाने की सहमति दी थी, पर उन्होंने सोमवार तक नहीं हटाया, इसलिए अब प्रशासन कार्रवाई करेगा।
आरा मशीनें भी हटेंगी
वहीं, पुल बोगदा के पास से 108 आरा मशीनें और फर्नीचार कारोबारी हैं। इन्हें रातीबड़ में शिफ्ट किया जाएगा। मेट्रो ने वहां पानी, बिजली, सड़क जैसी अन्य सुविधाओं के लिए छह करोड़ रुपये दिए हैं। बता दें कि यहां पर मेट्रो के द्वारा मिट्टी का परीक्षण, डिजाइन समेत अन्य काम पूरे किए जा चुके हैं। अतिक्रमण हटने के बाद सिविल का काम शुरू किया जाएगा।
दो चरणों में पूरा होगा काम
चरण एक : सुभाष नगर डिपो से करोंद तक कुल आठ किलोमीटर में से पांच किलोमीटर तक के हिस्से में छह एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसमें 650 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस काम की शुरुआत हो चुकी है। पुराने शहर में बैरिकेडिंग की गई है।
कुछ दिन पहले मंत्री विश्वास सारंग ने रूट का निरीक्षण कर जल्द काम करने को कहा था। वहीं, मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने भी निरीक्षण किया था। इस काम को पूरा करने के लिए साढ़े तीन वर्ष का लक्ष्य रखा गया है। इस अवधि में पुल बोगदा, ऐशबाग, सिंधी कॉलोनी, डीआईजी बंगला, कृषि उपज मंडी और करोंद में स्टेशन बनाने के साथ ही ट्रैक बिछाया जाना है।
दूसरा चरण : आठ किलोमीटर के मार्ग में तीन किलोमीटर भूमिगत मार्ग होगा। इसमें दो मेट्रो स्टेशन भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड भी रहेंगे। यह काम करीब 890 करोड़ रुपये से होगा। इस मार्ग में आरा मशीनों सहित अतिक्रमण है।
इन्हें हटाने के लिए कई महीनों से प्रयास किए जा रहे हैं। भूमिगत लाइन सिंधी कॉलोनी, ऐशबाग क्रॉसिंग से होती हुई भोपाल स्टेशन और नादरा बस स्टैंड को स्टेशनों के माध्यम से जोड़ेंगी।
अभी यहां चल रहा काम
सुभाष नगर से एम्स के बीच दो स्टील ब्रिज का काम पूरा हो गया है। चार सितंबर को तीन घंटे के अंदर रेलवे ट्रैक पर पिलर के ऊपर 65 मीटर लंबा और 400 टन वजनी ब्रिज का स्ट्रक्चर रख दिया गया था। वहीं, हाल ही में दूसरे कंपोजिट ब्रिज का काम भी पूरा हो गया है। बता दें कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास हबीबगंज नाके से डीआरएम स्टेशन के बीच दो स्टील ब्रिज से मेट्रो गुजरेगी। इसके लिए पिछले आठ महीने से काम चल रहा है।