हमारी हथेली पर मौजूद हर आड़ी तिरछी रेखा हमारे जीवन और भविष्य के बारे में कोई न कोई जानकारी देती हैं। इन रेखाओं के आधार पर हस्तरेखा विज्ञान की मदद से हम अपने जीवन के बारे में जान सकते हैं। हस्तरेखा शास्त्र में इन रेखाओं के बारे में गहराई से बताया गया है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, हथेली पर उभरे हुए भागों को पर्वत कहा जाता है, जो ग्रहों से संबंधित होते हैं और हमारे व्यक्तित्व, भाग्य और जीवन की घटनाओं को भी प्रभावित करते हैं।
कई बार कुछ लोगों के हाथ में ऐसे राजयोग बनते हैं, जो उनको जीवन में कई तरह के लाभ पहुंचाते हैं। ऐसे राजयोग की वजह से व्यक्ति राजा जैसा जीवन व्यतीत करता है। इन्हीं में से एक सिंहासन राजयोग भी होता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, सिंहासन राजयोग कई प्रकार के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में सिंहासन राजयोग होता है, उनके लिए सरकारी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे बनता है हाथ में सिंहासन राजयोग
जिस व्यक्ति की कुंडली में दशम भाव का स्वामी कुंडली में पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में बैठा हो तो सिंहासन राजयोग बनता है। अगर दसवें भाव का स्वामी दूसरे घर या फिर पंचम और नौवें घर में हो तो भी सिंहासन राजयोग बनने की संभावना रहती है। इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन वह राजा की तरह व्यतीत होता है।
सिंहासन राजयोग बनने पर व्यक्ति अपनी मेहनत से जिंदगी में नाम कमाता है। माना जाता है कि ऐसे लोग मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते है। साथ ही ऐसे लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभाना भी बखूबी आता है।
सिंहासन राजयोग के प्रभाव
सिंहासन राजयोग वाले लोग अपना ही नहीं बल्कि अपने परिवार के लोगों का भी नाम उंचा करते हैं। ऐसे लोगों को कभी भी आर्थिक परेशानी नहीं होती है। इन लोगों को ज्यादा परिवर्तन पसंद नहीं है। इसके अलावा इन्हें अच्छा सलाहकार भी माना जाता है।