भारत (India) विश्व के सबसे बड़े तेल उपयोगकर्ता देशों में शामिल है. भारत में तेल की खपत (oil consumption) में कमी आना देश में मंदी का संकेत हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की रिपोर्ट (Report) के अनुसार 2019 की तुलना में इस साल तेल की मांग में 10.8 प्रतिशत तक की कमी आई है.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से साल 2020 में देश में पेट्रोल-डीजल की मांग में भारी कमी देखने को मिली है. इसकी बड़ी वजह देश में औद्ययोगिक उत्पादन और करखाने के बंद होने की वजह बताई जा रही है. आपको बता दें साल 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था. जिसके चलते पूरे देश में कारखाने और कारोबार को बंद करना पड़ा. जिसका सीधा असल पेट्रोल-डीजल की मांग पर पड़ा और यह मांग बीते 20 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. लेकिन देश में लॉकडाउन खुलने के बाद एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल की मांग में वृद्धि देखने को मिल रही है.
पेट्रोल-डीजल की मांग में 70 फीसदी तक कमी आई- भारत विश्व के सबसे बड़े तेल उपयोगकर्ता देशों में शामिल है. भारत में तेल की खपत में कमी आना देश में मंदी का संकेत हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2019 की तुलना में इस साल तेल की मांग में 10.8 प्रतिशत तक की कमी आई है. यह 193.4 मिलियन टन के साथ 5 साल के सबसे निम्न स्तर पर है. मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन की वजह से तेल की मांग 70 प्रतिशत तक गिर गई है. मांग में यह गिरावट कारखानों के बंद होने और उत्पादनों में कमी की वजह से हुई है.
बीते महीने गैसोलीन की खपत में इजाफा हुआ- माना जा रहा है कि लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है. जिससे देश की GDP में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने के लिए कई फैसले लिए हैं और कई प्रतिबंधों में ढील दी है. जब से सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी है तभी से मांग में थोड़ा सुधार होना शुरू हुआ है. पिछले महीने गैसोलीन की खपत में 9.3 तक का इजाफा दर्ज किया गया है. यह मई 2019 के बाद से सबसे ज्यादा है.
मांग में कमी के बावजूद दामों में नहीं हुई कमी- आपको जानकर आश्चर्य हो रहा होगा कि बीते साल देश में पेट्रोल-डीजल की मांग में 70 फीसदी कमी आई. लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई कमी नहीं आई. इसकी बड़ी वजह है पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी का बढ़ना. दरअसल लॉकडाउन की वजह से देश में कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया था. ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने आमदनी बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में इजाफा किया. जिससे मांग कम होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी नहीं आई.