लुधियाना
सरकार को वित्तिय नुकसान पहुंचाने व धोखाधड़ी करने के आरोप में थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस ने 25 फर्मो के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उक्त फर्मो के खिलाफ ए.ई.टी.सी-1 की शिकायत पर कार्रवाई की है। जीएसटी विभाग की तरफ से पुलिस को इन फर्मो के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अलग अलग 25 लैटर लिखे। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। विभाग के अनुसार विभाग के अलग अलग वार्डो में स्थित इन फर्मो की पंजाब वैट एक्ट 2005 के सैकशन 29 के अधीन फर्मो की पिछले सालों की एसैसमैंट निर्धारित की गई। इस दौरान विभाग की तरफ से इन फर्मो की अतिरिक्त डिमांड निकाली गई। लेकिन बार बार नोटिस भेजने के बाद भी इन फर्मो के मालिक विभाग के सामने पेश नहीं हुए और ना ही कोई दस्तावेज जमा करवाए गए।
बार बार कहने पर जब किसी भी फर्म का मालिक पेश नहीं हुआ तो सरकार की तरफ से अतिरिक्त डिमांड निकाल का राशि जमा करवाने के लिए कहा गया। लेकिन फिर भी फर्मो की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। उसके बाद पंजाब वैट एक्ट 2005 के अधीन रिकवरी करने की प्रक्रिया शुरू की गई। उसके बाद ही उक्त फर्मो के खिलाफ कानूनी कारवाई की गई। पुलिस ने विभाग के अधिकारियों की तरफ से भेजे गए 25 पत्रों के बाद जांच कर मामला दर्ज किया गया है। इन फर्मो के मालिकों के खिलाफ अमानत में खयानत करने के आरोप में कार्रवाई की गई है।
पुलिस के अनुसार चंदर भूषण जैन, जय कुमार सिंह, सतीश कुमार, मुनीष बांसल, मलकीत सिंह, सागर गुप्ता, गुरचरण दास, प्रीतम सिंह, जगमोहन सिंह, मुकेश कुमार, गिरधारी लाल, अविंदरपाल सिंह, बलजीत सिंह, अशोक पुरी, वितेश वशिष्ठ, रणधीर सिंह, सुरेंदर शर्मा, प्रितपल सिंह, रोहित कपूर, जसंवत राए, विकास कुमार, दविंदर अरोड़ा, कुलविदर सिंह व अनुज अरोड़ा के रूप में की है। मामले की कार्रवाई कर रहे अधिकारी ने बताया कि नामजद किए गए आरोपियों की तलाश में रेड की जा रही है ।