सिडनी टेस्ट में खराब बल्लेबाजी के साथ-साथ टिम पेन (Tim Paine) ने निराशाजनक विकेटकीपिंग की जिसका खामियाजा ऑस्ट्रेलिया को भुगतना पड़ा.
सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया के पराक्रम के आगे ऑस्ट्रेलियाई टीम की बोलती बंद हो गई. खेल के पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजों ने बेहद जबर्दस्त बल्लेबाजी करते हुए तीसरा टेस्ट ड्रॉ करा दिया. एक समय ऑस्ट्रेलिया इस टेस्ट को आसानी से जीतता दिख रहा था लेकिन टीम इंडिया की रणनीति और संयम ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया. ऋषभ पंत ने 97, पुजारा ने 77 रनों की पारी खेली. इसके बाद हनुमा विहारी और आर अश्विन ने 250 से ज्यादा गेंदों तक विकेट पर टिककर ऑस्ट्रेलिया से सिडनी में जीत छीन ली. हालांकि टीम इंडिया ये मैच सिर्फ अपने खिलाड़ियों के दम पर ड्रॉ नहीं करा पाई, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन (Tim Paine) ने भी अपनी टीम को जीत से रोकने के लिए पूरा दम लगा दिया. ऑस्ट्रेलिया अगर सिडनी में मैच नहीं जीत सका तो उसकी बड़ी वजह टिम पेन ही रहे.
टिम पेन ने सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन एक-दो नहीं बल्कि 3-3 कैच टपकाए. पेन की खराब विकेटकीपिंग ने उनके गेंदबाजों का हौंसला ही तोड़ दिया. सबसे पहले पेन ने ऋषभ पंत के दो कैच टपकाए. नाथन लायन ने दो बार पंत से गलतियां कराई लेकिन कप्तान पेन से उन्हें निराशा ही मिली. टिम पेन से तीसरी और सबसे बड़ी गलती तब हुई जब उन्होंने मिचेल स्टार्क की गेंद पर हनुमा विहारी का कैच टपका दिया. ये कैच बेहद आसान था लेकिन पेन ने बेहद लचर प्रदर्शन किया.
पेन से गलतियों की वजह
टिम पेन से गलतियों की वजह सिडनी की पिच का असमान उछाल और स्लेजिंग था. ऋषभ पंत के दोनों कैच के दौरान वो गेंद की तेजी को नहीं भांप पाए. वहीं हनुमा विहारी का कैच उन्होंने इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उनका ध्यान अश्विन को स्लेज करने पर था. पेन लगातार अश्विन को स्लेज कर रहे थे और उनका ध्यान विकेटकीपिंग पर कम था. पेन के तीन कैच छोड़ने से ऑस्ट्रेलिया को बहुत बड़ा नुकसान हुआ. क्योंकि पंत ने कैच छूटने के बाद कुल 97 रन बना डाले. वहीं अश्विन और विहारी अंत तक आउट ही नहीं हुए और सिडनी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के हाथ से निकल गया. इन गलतियों की वजह से टिम पेन को अब ऑस्ट्रेलिया में जबर्दस्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है.