भोपाल
मध्य प्रदेश में विजयपुर-बुधनी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों (बीजेपी और कांग्रेस) की ओर से तस्वीर साफ हो गई है. बुधनी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जहां पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. कांग्रेस ने बुधनी से राजकुमार पटेल को टिकट दिया है.
इधर विजयपुर विधानसभा सीट से बीजेपी ने वन मंत्री रामनिवास रावत को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया है. इन दोनों ही सीटों पर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं.
समाजवादी पार्टी ने भी बुधनी से उतारा उम्मीदवार
इधर बुधनी से युवा कांग्रेस के अर्जुन आर्य ने भी बगावती तेवर दिखा दिए हैं. अर्जुन आर्य क्षेत्र में कांग्रेस के लिए सक्रिय रहे. हालांकि, टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. अब उन्हें समाजवादी पार्टी ने बुधनी से उम्मीदवार बना दिया है.
13 नवंबर को वोटिंग, 23 को नतीजे
मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर उपचुनाव के लिए प्रक्रिया जारी है. 18 अक्टूबर से नामांकन भराने का सिलसिला जारी है. हालांकि, तीन दिन में दोनों ही सीटों पर एक भी नामांकन फॉर्म जमा नहीं हुआ है जबकि 25 अक्टूबर नामांकन फार्म जमा करने की आखिरी तारीख है.
30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जाएंगे, तो 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को परिणाम आ जाएंगे. इधर दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं.
बुधनी में आसान नहीं दोनों दलों की राह
भारत सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है. यहां पांच बार से लगातार शिवराज सिंह चौहान विधायक बनते आ रहे थे. यहां बीजेपी मजबूत स्थिति में रही है. क्योंकि अब शिवराज सिंह चौहान प्रत्याशी नहीं हैं. ऐसे में यहां मुकाबला रोचक होने का अनुमान है.
बीजेपी ने जहां पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को प्रत्याशी बना दिया है.
बागियों की भी सुगबुगाहट
प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होने के बाद दोनों ही दलों से बागियों की भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. बीजेपी के कद्दावर नेता अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. इस मीटिंग के बाद निर्णय अनुसार यह जनप्रतिनिति आगे की रणनीति बनाएंगे. इधर कांग्रेस से युवा नेता अर्जुन आर्य ने भी बगावत कर दी है.
विजयपुर में भी रोचक मुकाबला
विजयपुर विधानसभा सीट पर भी दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की राह आसान होती नजर आ नहीं आ रही है. विजयपुर विधानसभा सीट पर 67 साल में 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें 9 बार कांग्रेस जीती है, जबकि 6 बार बीजेपी के जनप्रतिनिधि विधायक चुने गए हैं.