नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पब्लिक लाइफ में कई बार लोग सवाल करते हैं कि जब तीन बार सरकार बन गई, इतने सुधार कर लिए तो इतनी दौड़ धूप क्यों करते हैं? उन्होंने कहा, हमने जो सपने देखे हैं, उनको पूरा किए बिना ना चैन है ना आराम। वर्ल्ड समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल में 125 दिन में किए गए कामों की लिस्ट गिनाई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अगले 30 सालों का है 2047 तक विकासशील भारत को विकसित भारत बनाना है। पीएम मोदी ने कहा, हमने 70 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिए 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है।
125 दिनों में 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 90 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। 125 दिनों में 12 नए इंडस्ट्रियल नॉट्स को मंजूरी दी है। निफ्टी और सेंसेक्स में ग्रोथ हुई है। हमारी विदेशी मुद्रा बढ़ी है। भारत की उपलब्धियों की लिस्ट बहुत लंबी है। मैं सिर्फ 125 दिनों की बात कर रहा हूं। 125 दिनों में दुनिया भारत में किन विषयों पर चर्चा करने आई, कौन से ग्लोबल इवेंट हुए।
उन्होंने कहा, भारत में टेलिकॉम और डिजिटल फ्यूचर पर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हुआ। भारत मे सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर चर्चा हुई। नवीकरणीय ऊर्जा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत में हुआ। यह भारत के साथ जुड़ी उम्मीदों की लिस्ट है। इससे भारत की दिशा और दुनिया की आशा दोनों समझ में आती हैं। ये वो विष्य हैं जो आने वाले समय में दुनिया का भविष्य तय करेगी। इसी लिए आज दुनिया भारत आ रही है। आज भारत में इतना कुछ हो रहा है कि तीसरे टर्म में जो गति भारत ने पकड़ी है उसे देखकर बहुत सी रेटिंग एजेंसियों ने भारत का ग्रोथ फोरकास्ट बढ़ा दिया है।
भारत को सबसे ज्यादा जो प्यार करते हैं, ऐसे पारखी एक्सपर्ट यहां मौजूद हैं। वे जिस प्रकार भारत के निवेश को लेकर उत्साहित हैं, उसका बहुत महत्व है। वे ग्लोबल फंड्स् को कहते हैं कि 50 पर्सेंट फंड भारत के शेयर मार्केट में इनवेस्ट करें तो इसका बहुत बड़ा मतलब है। भारत एक विकासशील देश भी है और उभरती हुई शक्ति भी है। हम गरीबी की चुनौतियां भी समझते हैं और प्रगति का रास्ता भी जानते हैं। हमारी सरकार तेजी से नीतियां बना रही है। निर्णय ले रही है और नए सुधार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पब्लिक लाइफ में भांति-भांति के लोग मिलते हैं। कुछ लोग कहते हैं क मोदी जी तीन बार सरकार तो बना ली तो इतनी दौड़-धूप क्यों करते रहते हो। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए। इतने सुधार कर लिए। अब इतने मेहनत की जरूरत क्या है। लेकिन जो सपने हमने देखे हैं, जो संकल्प लेकर हम चले हैं उसमें ना चैन है ना आराम है। पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, 12 करोड़ शौचालय बने. 16 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन बने। मेडिकल कॉलेज और नए एम्स बने। पिछले 10 साल में भारत में डेढ़ लाख से ज्यादा नए स्टार्टअप बने। 8 करोड़ युवाओं ने मुद्रा लोन लेकर अपना काम शुरू किया। इतना पूरा नहीं है। आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। इस युवा देश का पोटेंशियल हमें आसमान की ऊंचाई पर पहुंचा सकता है। इसके लिए हमें बहुत कुछ बहुत तेजी से करना है। आज भारत की सोच और अप्रोच में जो बदलाव आया है। उसे आप भी देख रहे होंगे।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प
पीएम ने कहा, आम तौर पर परंपरा रही है और स्वाभाविक भी है कि हर सराकर, पिछली सरकार के काम से तुलना करती है। इससे संतोष भी मान लेती है कि पिछली सरकार से बेहतर किया। हम भी कभी इस रास्ते पर चलते थे। लेकिन अब हमें वह रास्ता रास नहीं आ रहा है। अब हम बीते हुए कल और आज की तुलना करके आराम फरमाने वाले लोग नहीं हैं। अब सफलता का मापदंड ये नहीं कि हमने क्या पाया। अब आगे का लक्ष्य है कि हमें कहां पहुंचना है। हम उस ओर देख रहे हैं कि कितना बाकी है और कब तक पहुंचेंगे। मैं नया अप्रोच लेकर पूरी सरकारी मशीनरी से काम ले रहा हूं।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है। हम देखते हैं कि विकसित भारत का हमारा संकल्प, उसकी सिद्धि के लिए कहां तक पहुंचे हैं। हमें और कितना करना है। ऐसा नहीं है कि यह सरकार ने तय कर दिया और टारगेट सेट हो गया। विकसित भारत के संकल्प से आज 140 करोड़ लोग जुड़ गए हैं। यह जनभागेदारी का अभियान ही नहीं बल्कि भारक के आत्मविश्वास का आंदोलन बन चुका है। जब सरकार ने विकसित भारत के विजन डॉक्युमेंट पर काम करना शुरू किया तो लाखों लोगों ने अपने सुझाव भेजे। उनके आधार पर भारत ने अगले तीस साल के लक्ष्य तय किए। इस विषय पर चर्चा हमारी चैतन्य का हिस्सा बन चुका है। जन शक्ति से राष्ट्र शक्ति के निर्माण का सबसे बड़ा उदाहरण है।
हमारे पास डबल एआईः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, भारत को एक चीज का और फायदा मिल रहा। आप जानते हैं कि यह एआई का दौर है। दुनिया का वर्तमान और भविष्य एआई से जुड़ा है। लेकिन भारत के पास डबल एआई की शक्ति है। अब लोग सोचते हैं कि मोदी के पास दो एआई कहां से है। दुनिया के पास एक ही एआई है वह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेकिन हमारे पास दूसरी एआई है ऐस्पिरेशनल इंडिया। जब इनकी ताकत मिलती है तब विकास की गति भी तेज होनी स्वाभाविक है। हमारे लिए यह कोई तकनीक नहीं है बल्कि भारत के युवाओं के लिए अवसरों का नया द्वार है। इसी साल भारत ने इंडिया एआई मिशन शुरू किया है। भारत हर सेक्टर में एआई का उपयोग बढ़ा रहा है। हम दुनिया को भी बेहतर एआई सल्यूशन देने में भी जुटे हैं। वॉर के स्तर पर भी भारत ने भी कई कदम उठाए हैं। भारत दूसरे एआई को लेकर भी उतना ही गंभीर है। भारत के सामान्य जन, क्वालिटी ऑफ लाइफ, छोटे उद्यमी, एमएसएमई, महिला, युवा, हम सबके एस्पिरेशन को ध्यान मेंरखते हुए निर्णय ले रहे हैं। इसका एक उदाहरण कनेक्टिविटी को लेकर शानदार काम है। हमने इनक्लूजिव कनेक्टिविटी पर फोकस किया है। यह डिवलपिंग समाज के लिए बहुत जरूरी होता है।
पीएम मोदी ने कहा, अतीत में भारत ने दुनिया के लिए बहुत कुछ किया। लेकिन हम गुलाम हो गए और इसलिए औद्योगिक क्रांति का फायदा नहीं उठा पाए। लेकिन आज भारत का समय है। अब भारत गुलाम नहीं है। हमें आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। अब हम कमर कसकर तैयार हैं। इंडस्ट्री 4.0 के लिए जो इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए उसके लिए भारत तेजी से काम कर रहा है। मैं दुनियाभर में जी20 और जी7 के सम्मेलनों का हिस्सा रहा हूं। हर समिट में भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की बहुत चर्चा होती है। हमारे साथी भारत के प्रशंसक पॉल रॉमर बैठे हैं। उसे पहले भी बहुत चर्चाएं हुई हैं। हमारी चर्चाओं के दौरान पॉल ने डिजिलॉकर जैसे इनोवेशन्स की बहुत तारीफ की है। आज भारत में सरकार एक प्लैटफॉर्म बनाती है और उसपर इनोवेशन होते हैं।
यूपीआई के कारण हर रोज 500 मिलियन से ज्यादा के ट्रांजैक्शन रोज होते हैं। इसको ड्राइव करने वाले छोटे दुकानदार हैं। पीएम गतिशक्ति को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को तेज करने के लिए बनाया है। भारत ने दिखाया है कि डिजिटल इनोवेशन और डेमोक्रेटिक वैल्यूज कोएग्जिस्ट कर सकती हैं। अभी हरियाणा में भी चुनाव हुए हैं। इस चुनाव में भी भारतीय जनता ने स्थिरता का संदेश दिया है। जलवायु परिवर्तन में हमारा योगदान ना के बराबर है। फिर भी हम सस्टेनबिलिटी के लिए काम कर रहे हैं और यह डिवेलपमेंट प्लानिंग के कोर में है। हमारा प्रयास होगा कि भारत की सेंचुरी सिर्फ भारत की नहीं बल्कि मानवता की जीत की शताब्दी बने। एक ऐसी सदी जहां गरीबी ना हों, जहां सबके पास आगे बढ़ने के अवसर हों और शांति हो।