भोपाल
प्रदेश में कई स्थानों पर खाद के लिए रात में लाइनें लगने और धरना-प्रदर्शन जैसी स्थिति सामने आ रही है। कांग्रेस इसे लेकर हमलावर है तो सरकार भी दावा कर रही है कि खाद की कोई कमी नहीं है। पिछले वर्ष की तुलना में वर्तमान स्थिति में अधिक खाद उपलब्ध है। विपणन संघ के गोदामों से खाद टोकन पर ही दी जाएगी। निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केंद्रों की भी निगरानी की जाएगी ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि बोवनी की प्राथमिकता और जिले में उपलब्ध खाद के भंडार को देखते हुए उर्वरक व्यवस्था की जा रही है। अक्टूबर, 2023 में यूरिया का विक्रय 4.67 लाख टन हुआ था, जिसके विरुद्ध इस वर्ष अक्टूबर में 8.53 लाख टन परिवहन मिलाकर उपलब्ध है। इसमें से 2.40 लाख टन यूरिया का विक्रय हुआ है और 6.13 लाख टन भंडार में है।
इसी तरह डीएपी और एनपीके अक्टूबर, 2023 में 4.37 लाख टन बिका था, जबकि इस वर्ष अक्टूबर, 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है। 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हो चुका है। भारत सरकार से भी यूरिया, डीएपी, एनपीके की आपूर्ति हो रही है। विपणन संघ के डबल लाक केंद्रों (गोदाम) पर टोकन से ही खाद देने की व्यवस्था बनाई गई है।
दो दिसंबर से होगा धान का उपार्जन, 7.85 लाख किसानों ने कराया पंजीयन
प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन दो दिसंबर से किया जाएगा। वहीं, ज्वार और बाजरा 22 नवंबर से खरीदा जाएगा। इसके लिए 7 लाख 85 हजार 41 किसानों ने पंजीयन कराया है। इनका क्षेत्र 14 लाख 12 हजार 857 लाख हेक्टेयर है। इसका सत्यापन राजस्व विभाग के कर्मचारियों से कराया जा रहा है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन की तैयारी हो चुकी है। सर्वाधिक एक लाख 29 हजार 373 किसानों ने बालाघाट में पंजीयन कराया है।
रीवा में 64 हजार 215, सतना में 58 हजार 960, जबलपुर में 54 हजार 546, सिवनी में 52 हजार 407, कटनी में 52 हजार 279, मंडला में 41 हजार 461, पन्ना में 33 हजार 472, शहडोल में 33 हजार 661, मैहर में 26 हजार 757 किसान उपार्जन केंद्रों पर उपज विक्रय के लिए पंजीयन कराया है। सबसे कम 880 किसान विदिशा में पंजीकृत हुए हैं।