रायपुर
उप मुख्यमंत्री तथा कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव की अध्यक्षता में बुधवार को कोरबा जिला मुख्यालय में जिला पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन समिति की बैठक संपन्न हुई। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कोरबा कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में जिले में स्थापित सभी सार्वजनिक उपक्रमों के संयंत्रों द्वारा अर्जित भूमि के लंबित मुआवजे और रोजगार प्रदान करने की अद्यतन स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने संयंत्रों को भू-विस्थापितों के पुनर्वास तथा रोजगार संबंधी दिक्कतों को शीघ्रता से दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी संयंत्रों को अपने लंबित प्रकरणों का निराकरण जल्द करने को कहा। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, विधायकगण सर्वश्री प्रेमचंद पटेल, तुलेश्वर सिंह मरकाम और फूलसिंह राठिया तथा महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद भी समिति की बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने जिला पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन समिति की बैठक में पुनर्वास और रोजगार की समस्याओं के निराकरण के लिए संयंत्र प्रबंधनों को प्रभावी कार्यप्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बहुत दिनों से लंबित प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक विलंब नहीं करते हुए प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने को कहा। उन्होंने कम्पनी के अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन करने को कहा, ताकि जिले में कानून-व्यवस्था के बिगडने की स्थिति निर्मित न हो। श्री साव ने इसके लिए संयंत्र के जिम्मेदार अधिकारियो को लोगों के बीच जाकर प्रावधानों और नियमों की पूरी जानकारी प्रदान करने को कहा।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में एसईसीएल गेवरा, कुसमुंडा, दीपका और कोरबा द्वारा अर्जित भूमि के एवज में प्रभावित परिवारों को प्रदान की गई नौकरी एवं पुनर्वास की जानकारी ली। उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन को नियमों का पालन सुनिश्चित करने और प्रभावितों को नियमों के तहत समय पर रोजगार एवं भत्ता प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ ही पुनर्वास के तहत स्थापित बसाहटों में शिक्षा, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, मुक्तिधाम जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने तथा समय-समय पर इनकी मरम्मत भी करने के निर्देश दिए। उन्होंने खदान क्षेत्रो में ब्लास्टिंग एरिया में बसाहट से पूर्व ग्रीन जोन निर्मित करने को कहा जिससे बस्तियों में ब्लास्टिंग का प्रभाव कम हो।
श्री साव ने एनटीपीसी, बाल्को, लैंको और अडानी प्लांट द्वारा अर्जित भूमि के एवज में दी जाने वाली मुआवजा, रोजगार व अन्य लाभों के बारे में भी जानकारी ली और प्रभावितों को नियमानुसार लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक संयंत्रों में रोजगार देने एवं निर्धारित दर पर ही मानदेय भुगतान करने के निर्देश दिए।