भोपाल
महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि नित नये नवाचारों से बच्चों की बौद्धिक क्षमता के विकास के लिये किया गया हर प्रयास उनके भविष्य के लिये लाभदायक सिद्ध होगा। साथ ही इसके परिणाम भी सुखद होंगे। सुश्री भूरिया शुक्रवार को झाबुआ में आंगनवाड़ी केन्द्र में मोंटेसरी किट वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिले की बालिकाओं को कौशल विकास के माध्यम से फैशन डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर रोजगार की अनन्य सम्भावनाएं उत्पन्न की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णयानुसार 12 हजार 670 मिनी आंगनवाडियों को पूर्ण आंगनवाड़ी का दर्जा दिया जायेगा। यह निर्णय इतने वृहद स्तर पर म.प्र. में पहली बार हुआ है, इसमें झाबुआ जिले के 800 से अधिक मिनी आंगनवाड़ियो को लाभ होगा। हम निरन्तर इसी प्रकार मिलकर कार्य कर विभाग को नई ऊंचाई तक ले जायेंगे, जिससे मध्यप्रदेश देश के लिए प्रेरणा बने।
मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि सम्पूर्ण प्रदेश मे झाबुआ यह पहल करने वाला पहला जिला है। मोंटेसरी किट में प्लास्टिक के स्थान पर लकड़ी के खिलौने शामिल किये गये है। शिशु विशेषज्ञो द्वारा भी इस प्रकार की किट को प्रोत्साहन दिया जाता है, क्योंकि अध्ययन से पता चला है कि इससे बच्चों की मोटर स्किल्स बढ़ती है। मोंटेसरी किट मे लकड़ी से निर्मित वुडन पजल, शिक्षण खिलौने, अबेसकस, ऑल- इन- वन बुक, विभिन्न प्रकार के चार्ट सामान दिया गया है। इस किट में बोर्ड बुक भी दी जा रही जो बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए लाभदायक है।
झाबुआ कलेक्टर सुश्री नेहा मीना ने बताया कि मोंटेसरी किट 3 से 5 वर्ष के बच्चो को खेल के माध्यम से सीखने में सहायता करेंगी। किसी बच्चे का 5 वर्ष की आयु तक बौद्धिक विकास होता है इस समय खेल के माध्यम से शिक्षा दिया जाना एक लाभदायक कदम साबित होगा। जिले की 100 आंगनवाडियो के लिए किट तैयार की गयी है जो निकटतम भविष्य में समस्त आंगनवाड़ियो में वितरित की जायेगी। इन मोंटेसरी किटो में लकड़ी से निर्मित वुडन पजल, शिक्षण खिलौने, अबेसकस, ऑल-इन-वन बुक, विभिन्न प्रकार के चार्ट उपलब्ध कराये जायेंगे।