नई दिल्ली
अब लोको शेड (Electric Loco Shed) में हफ्ते भर गुजारेंगे रेलवे के वरिष्ठतम इलेक्ट्रिकल इंजीनियर। जी हां, रेल मंत्रालय का यही फरमान है। दरअसल, इन दिनों रेल दुर्घटना कुछ ज्यादा ही हो रही है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि रेलवे के एसएजी (Senior Administrative Grade ) के ऑफिसर फील्ड इंस्पेक्शन में ज्यादा समय देंगे। यही नहीं, इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के लिए तो कुछ ज्यादा ही कड़ा आदेश है। कहा गया है कि एचएजी (Higher Administrative Grade) और इससे भी वरिष्ठ अधिकारी (Principle Chief Electrical Engineer) लोको शेड में एक हफ्ता गुजारेंगे। ऐसा इसलिए, ताकि ये अधिकारी भी लोको शेड के कामकाज और दिक्कतों से फेमिलियर हो सकें।
क्या आया रेलवे बोर्ड का आदेश
रेलवे बोर्ड ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही सभी जोनल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि रेलवे की सुरक्षा में लोको शेड का बड़ा योगदान है। लोको शेड में इंजन का मेंटनेंस होता है। यदि सही तरीके से इंजन का मेंटनेंस नहीं होता है तो उसके दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका ज्यादा होती है। इसलिए इलेक्ट्रिकल विभाग के मुखिया यानी पीसीईई (PCEE) को कहा गया है कि वे अपने जोन के सभी लोको शेड में जाकर एक हफ्ता गुजारें।
अन्य विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश
सिर्फ इलेक्ट्रिकल विभाग को ही नहीं, बल्कि अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी दफ्तर के एसी कमरों से निकल कर फील्ड में बिताने को कहा गया है। निर्देश दिया गया है कि एसएजी अधिकारी हर महीने कम से कम दो रात मुख्यालय से दूर के स्टेशन (Roadside Stations) में गुजारेंगे। इस दौरान वे लेवल क्रॉसिंग गेट का भी इंस्पेक्शन करेंगे, रनिंग रूम जाएंगे। साथ ही चलती ट्रेन में फुटप्लेटिंग भी करेंगे। यह सब उनके रूटीन इंस्पेक्शन के अलावा होगा।
औचक निरीक्षण भी करेंगे
इस निर्देश में कहा गया है कि समय-समय पर ये अधिकारी औचक निरीक्षण भी करेंगे। ये पुलिस स्टाफ के साथ समन्वय स्थापित कर बिना चौकीदार वाले फाटकों पर जाएंगे और देंखेंकि वहां सुरक्षा के उपाय सही हैं या नहीं। यदि वहां कुछ कमी-बेशी हो तो उसकी सूचना डीआरएम और जीएम ऑफिस को देंगे।
नाइट इंस्पेक्शन को बढ़ाएं
रेलवे बोर्ड की तरफ से सभी जोन के जीएम (GMs) और डीआरएम (DRMs) को निर्देश दिया गया है कि वे इस सिस्टम को तो लागू करे ही, साथ ही नाइट इंस्पेक्शन भी सुनिश्चित करें। बोर्ड को लगता है कि इस तरह के निरीक्षण से कर्मचारी के स्तर पर होने वाली लापरवाही पर लगाम लगेगी और दुर्घटना नहीं होगी।