हवाला कारोबार से जुड़ा आरोपी कार्टर ली मूल रूप से चीन का रहने वाला है. लेकिन पिछले कई सालों से दिल्ली में रहकर भारत से संबंधित तमाम जानकारियों को पढ़कर भारत के खिलाफ ही जासूसी करने लगा.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी का एक पूर्व छात्र कार्टर ली को गिरफ्तार किया है. हवाला कारोबार से जुड़ा आरोपी कार्टर ली मूल रूप से चीन का रहने वाला है. लेकिन पिछले कई सालों से दिल्ली में रहकर भारत से संबंधित तमाम जानकारियों को पढ़ा और उसके बाद भारत के खिलाफ ही जासूसी करने लगा और इसके साथ ही नकली दस्तावेज़ों के आधार पर कई शैल कंपनियों के बारे में जानकारियां जुटाकर चीन की कंपनियों को देकर भारत सरकार को नुकसान पहुंचा रहा था.
ईडी के सूत्रों के मुताबिक कार्टर ली ने कुछ साल पहले ही दिल्ली विश्वविधालय (Delhi University) से पढाई की. उस दौरान उसने खास तौर पर हिन्दी, अंग्रेजी भाषा पर बहुत ही अच्छी पकड़ बना ली. हिन्दी भाषा लिखने और बोलने में महारत हासिल करने के बाद वो कई चीन की कंपनियों के लिए काम करना शुरू करने लगा. इसी दौरान उसकी मुलाकात चार्ली पेंग नाम के चीन मूल के कारोबारी से हुई, जो पहले से ही भारत विरोधी जासूसी और हवाला कारोबार से जुड़ा हुआ था, लेकिन दिल्ली में काम करने के दौरान चार्ली पेंग की सबसे बड़ी परेशानी थी भाषा का ज्ञान का नहीं होना. क्योंकि चार्ली हिन्दी और अंग्रेजी भाषा न तो लिखने जानता था, न तो बोलना जानता था. लेकिन कार्टर ली को हिन्दी, अंग्रेजी और चीन की भाषा पर बहुत अच्छी पकड़ थी, इसलिए चार्ली पेंग ने कार्टर को अपना अनुवादक (Trsanslator) बना लिया और दोनों मिलकर दिल्ली, गुरुग्राम में रहकर फर्जीवाडे़ को अंजाम देने में जुट गए.
कार्टर ली है ईडी के राडार पर बेहद महत्वपूर्ण आरोपी
केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी (ED) की टीम इस मामले में कार्टर ली के दर्ज होने वाले बयान को बेहद महत्वपूर्ण मान रही है, इसके लिए तमाम सवालों की लिस्ट के साथ अगले 14 दिनों तक महत्वपूर्ण पूछताछ करेगी, क्योंकि जांच एजेंसी की नजर में चार्ली पेंग बहुत ही शातिर और बडे़ स्तर का आरोपी है, लेकिन वो किस तरह से किन-किन लोगों से मिलता था, किस तरह की डील करता था और उसकी क्या क्या प्लानिंग रही है, इस मसले पर सारी जानकारियां कार्टर ली को मालूम होती थीं, क्योंकि कार्टर ली चार्ली पेंग का ट्रांसलेटर था, चार्ली पेंग के लगभग हर मीटिंग और उसकी बातों को कार्टर ली ही अनुवाद करके उसको दूसरे अन्य आरोपियों के सामने रखता था. इसलिए कार्टर ली की गिरफ्तारी बेहद महत्वपुर्ण है जांच एजेंसी ईडी के लिए.
इन दोनों आरोपी चार्ली पेंग और कार्टर ली की गिरफ्तारी करने के बाद उससे जुड़े करीब एक दर्जन ऐसे शैल कंपनियों यानी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जिसके मार्फत भारत में रहकर चीन की कंपनियों के लिए हावला कारोबार (Hawala) को अंजाम दिए जाने का आरोप है. जिसके चलते भारत सरकार को अब तक करोड़ों रुपये का राजस्व (Revenue) का नुकसान हो चुका है. हालांकि इस मामले में इनकम टैक्स (Income tax) की टीम ने चार्ली पेंग और उससे जुड़ी कंपनी के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए पिछले साल हरियाणा के साइबर सिटी गुरुग्राम में स्थित प्रर्म स्प्रिंग प्लाजा में एक दफ्तर बनाकर इरविन लॉजिस्टिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाकर हावला कारोबार और जासूसी जैसे मामले को अंजाम दे रहा था.
इनकम टैक्स विभाग और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पहले कर चुकी है पूछताछ
इनकम टैक्स विभाग (Income tax) की टीम और दिल्ली पुलिस (Delhi police) की स्पेशल सेल की टीम पहले ही मुख्य आरोपी चार्ली पेंग को गिरफ्तार करके पूछताछ कर चुकी है. गिरफ्तारी के वक्त में जांच अधिकारियों के भी उस वक्त होश उड़ गए थे, जब उन लोगों ने छापेमारी के दौरान इस चीन मूल के आरोपी का नकली पासपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों के सहारे बनाया हुआ आधार कार्ड भी बरामद किया, हालांकि जब्त दस्तावेजों से ये भी पता चला की उसी फर्जी आधार कार्ड के मार्फत उसने कई शैल कंपनियों को बनाकर उससे कारोबार कर रहा था.
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक जो शैल कंपनियां बनाई गई थी, उन कंपनियों का नाम भी भारतीय ही रखा, जिससे किसी भी जांच एजेंसी को उसपर कोई शक नहीं हो सके , पूछताछ के दौरान ही चार्ली पेंग से संबंधित कई शैल कंपनियों के बारे में जानकारी मिली थी , जिसका संबंध सीधे तौर पर चीन की कंपनियों के साथ जुड़ा हुआ था . इसके साथ ही स्पेशल सेल की टीम को इस मसले की भी जानकारी मिली थी की चार्ली पेंग दिल्ली में काफी समय तक रहकर तिब्बत के धर्म गुरू दलाई लामा (Dalai lama) से संबंधित मसलों पर वो जासूसी करके सारी महत्वपूर्ण जानकारियों को चीन भेज रहा था.
इसके साथ ही चार्ली पेंग हवाला के मार्फत चीन से भी काफी पैसे मंगवाने के बाद उन पैसों को कई तिब्बत मूल के रहने वाले लोगों के बीच अपना सोर्स बनाकर उससे दलाई लामा से संबंधित जानकारियां हासिल कर रहा था और उन जानकारियों के लिए काफी पैसे देता था. चार्ली पेंग ने करीब दो दर्जन से ज्यादा तिब्बत मूल के लोगों को अपना सोर्स बनाया था, इसके साथ ही साउथ इंडिया वाले इलाकों में भी पैसे के दम पर अपना सोर्स बनाया और देश के कई इलाकों की जासूसी करवाने में जुटा हुआ था.